लखनऊ। यूपी के विकास को पंख लगाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ जुटे हुए हैं। इसके लिए उनकी सरकार आज विधानमंडल में इस वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी। बताया जा रहा है कि ये अनुपूरक बजट करीब 55000 करोड़ रुपए का हो सकता है। अनुपूरक बजट से अगले छह महीने में परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा। अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना इस अनुपूरक बजट से सभी वर्गों को साधने की भी कोशिश कर सकते हैं। सीएम योगी ने जुलाई में फैसला किया था कि 40 लाख अंत्योदय कार्डधारक परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाया जाएगा। इन परिवारों को आयुष्मान योजना का कार्ड नहीं मिला है। अनुपूरक बजट से इसकी व्यवस्था हो सकती है। इसके अलावा सरकार अनुपूरक बजट के जरिए मानदेय पर काम करने वालों की तनख्वाह बढ़ा सकती है।
सूत्रों के अनुसार कोरोना के दौरान अनाथ हुए बच्चों और महिलाओं की देखरेख के लिए अनुपूरक बजट से इंतजाम हो सकता है। इसके साथ अयोध्या, काशी और गोरखपुर में कई प्रोजेक्ट शुरू करने और वकीलों के कल्याण निधि को बढ़ाकर 5 लाख करने की भी बात अनुपूरक बजट में हो सकती है। लखनऊ में भीमराव अंबेडकर स्मारक, एक्सप्रेस-वे और सड़क बनाने के काम को भी अनुपूरक बजट से मिलने वाले धन से पूरा किया जा सकता है। 16 लाख राज्य कर्मचारियों को 28 फीसदी की दर से डीए और कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए भी धन की व्यवस्था भी इस बजट से होगी।
वहीं, विपक्ष भी सरकार के खिलाफ मुद्दे लेकर बैठा है। सपा, कांग्रेस और बीएसपी ने सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और कोरोना के मुद्दों पर घेरने का मन बनाया है। सीएम योगी ने हालांकि कहा है कि विपक्ष के साथ सार्थक चर्चा करने के लिए सरकार तैयार है।