नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। युद्ध को विरामस्थल तक पहुंचाने की तमाम कोशिशें धराशायी होती हुई नजर आ रही है। लेकिन वर्तमान में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के रूख से जाहिर हो रहा है कि वे अब युद्ध पर विराम देने का मन बना चुके हैं। उनके बयानों से यह इच्छा साफ जाहिर होती नजर आ रही है। उधर, अगर रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के रुख की बात करें, तो भारत शुरू से ही इस पूरे मामले में तटस्थता की स्थिति में नजर आया है। जिसे लेकर अब अमेरिका भारत को लेकर सख्त रूख अख्तियार करता हुआ नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि भारत द्वारा रूस का पक्ष लेने से नाराज अमेरिका अब कुछ प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। भारत अमेरिका पर अपने कानून CAATSA (Countering America’s Adversaries through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध लगा सकता है।
विदित हो कि भारत ने अपनी रक्षात्मक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में रूस से s-400 मिसाइल के क्रय के लिए करार किया था, जिसे लेकर अब अमेरिका उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका ने यह कदम भारत द्वारा रूस का पक्ष लेने से नाराज होने के एवज में उठाया है। कूटनीतिक विशेषज्ञ की मानो तो रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के रूख से अमेरिका नाराज है। विदित हो कि विगत दिनों अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के विरोध में प्रस्ताव लेकर आया था, जिसमें भारत ने अपनी गैर-मौजूदगी से लेकर रूस को लेकर अपना रुख जाहिर कर दिया था, जिसके बाद अमेरिका ने भारत-रूस संबंधों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि हम सभी परिचित हैं कि दोनों ही देशों के बीच संबंध मधुर हैं, लेकिन रूस-यूक्रेन का मुद्दा बेहद संवेदनशील है, जिस पर बेहद ही सोच समझकर फैलाने लिए जाने की जरूरत है। अब इसी कड़ी में अमेरिका द्वारा उठाए गए उक्त कदम को कई चश्मों को देखे जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है।
असंमजस की स्थिति में अमेरिका
लेकिन अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगाने को लेकर संशय की स्थिति में नजर आ रहा है। बता दें कि रिपबल्किन के सांसद क्रूज ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइजन को साफ चेता दिया है कि भारत पर प्रतिबंध लगाना जहालियत भरा कदम साबित हो सकता है। अमेरिकी सांसद ने यह भी कहा कि भारत अमेरिका का अभिन्न सहयोगी है, और जिस कानून के भारत रूस से एस-44 मिसाइल की खरीद कर रहा है, उसे लेकर भारत के खिलाफ सख्त कदम उठाना मूर्खता भरा कदम साबित होगा। ध्यान रहे कि अमेरिका उक्त कानून के ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ रक्षा खरीद पर प्रतिबंध लगा सकता है। अमेरिकी सांसद क्रूज ने कहा कि हम केवल यह सोचकर ही अमेरिका पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं, हमारे विरोध में गया है, क्योंकि वो इकलौता ऐसा देश नहीं था, जो हमारे विरोध में गया था, बल्कि कई देश संयुक्त राष्ट्र में हमारे विरोध में मतदान कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में भारत के विरोध में कोई भी कदम उठाना मूर्खता ही रहेगी। बहरहाल, अब इस पूरे मसले को लेकर आगे चलकर क्या कुछ स्थिति देखने को मिलती है। इस पर सभी का निगाहें टिकी रहेंगी।