newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

धार्मिक आजादी पर अमेरिका की रिपोर्ट को लेकर भड़का भारत, कहा पहले से दिखता रहा है पक्षपाती रुख

इस संगठन ने भारत की धार्मिक आजादी पर चिंता जताते हुए, उसे टीयर 2 की श्रेणी में जगह दी है, यानी भारत को धार्मिक आजादी के मामले में विशेष चिंता का देश घोषित किया गया है।

नई दिल्ली। अमेरिका की एक संस्था ने भारत में धार्मिक आजादी को लेकर कहा है कि भारत में धार्मिक आजादी का कम होना चिंता का विषय है।  USCIRF की वार्षिक रिपोर्ट में कही गई इन बातों का भारत की तरफ से खंडन किया गया है और जवाब भी दिया गया है। भारत ने इस रिपोर्ट को पक्षपाती करार दिया है।

USCIRF

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की ओर से इस रिपोर्ट पर आधिकारिक बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया कि USCIRF की वार्षिक रिपोर्ट में भारत के लिए जो कहा गया है हम उसकी निंदा करते हैं। पक्षपात से भरपूर इस तरह की टिप्पणी नई नहीं हैं। लेकिन इस बार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की सीमा सभी लेवल पार कर चुकी है।

Anurag Shrivastav

भारत की ओर से कहा गया कि संगठन अपने ही द्वारा प्रयासों को सफलतापूर्वक लागू नहीं कर पा रहा है। हम इस प्रकार के संस्थान का सम्मान करते हैं, ऐसे में उसे इसी प्रकार व्यवहार करना चाहिए।

गौरतलब है कि अमेरिकी विभाग ने कहा है कि 2018 के बाद से भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति खराब हुई है। 2018 में लगभग एक तिहाई राज्य सरकारों ने गैर हिंदुओं और दलितों के खिलाफ भेदभावपूर्ण या गौ-हत्या विरोधी कानूनों को तेजी से लागू किया। इसके अलावा हिंसा से जुड़े गौ-रक्षा दल मुख्य रुप से मुस्लिमों और दलितों को निशाना बना रहे हैं।

muslims

इस संगठन ने भारत की धार्मिक आजादी पर चिंता जताते हुए, उसे टीयर 2 की श्रेणी में जगह दी है, यानी भारत को धार्मिक आजादी के मामले में विशेष चिंता का देश घोषित किया गया है। बता दें कि इस रिपोर्ट में जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक के मामलों का विस्तारपूर्वक जिक्र किया गया है।