
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को सभी दलों की बैठक के बाद राज्य में जातिगत जनगणना कराने का एलान किया है। नीतीश ने कहा कि बिहार में चरणबद्ध तरीके से जातिगत जनगणना कराई जाएगी। उनका दावा है कि सभी दलों ने इसके लिए हामी भरी है। खास बात ये कि सभी दलों में बीजेपी भी है। जो बिहार में नीतीश कुमार की सहयोगी है और केंद्र में उसकी सरकार जातिगत जनगणना के खिलाफ रही है। बहरहाल, जातिगत जनगणना आखिर नीतीश किस तरह कराएंगे, इस पर तो सवाल उठ ही रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया यूजर्स ने जातिवाद का बिहार से खात्मा न होने पर नीतीश से नाराजगी जताई है।
Patna, Bihar | In the meeting we unanimously decided that a caste-based census will be done in a set time frame. Soon a cabinet decision will be taken and it will be available in the public domain…: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/nILlGdqC5m
— ANI (@ANI) June 1, 2022
पहले बात संविधान के प्रावधान की। जिसके तहत कोई भी राज्य अपनी तरफ से जनगणना नहीं करा सकता। दरअसल, भारत के संविधान में केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी और कार्यों का वितरण किया गया है। संविधान में इसके लिए संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में कार्यों का बंटवारा है। संघ सूची के तहत कई मामलों में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र को है। इनमें जनगणना भी आता है। राज्य सूची में दिए विषयों के बारे में राज्य कानून बना सकते हैं। जबकि, समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र और राज्य दोनों की सरकारों का होता है। अब जबकि जनगणना संघ सूची के तहत है, तो पहला सवाल यही है कि नीतीश फिर कैसे इसे करा सकते हैं?
अब बात नीतीश के जातिगत जनगणना के फैसले से नाराज सोशल मीडिया यूजर्स की। इस बारे में एजेंसी में खबर आते ही यूजर्स फट पड़े। कई यूजर्स ने हालांकि नीतीश की तारीफ की, लेकिन ज्यादातर संख्या ऐसे यूजर्स की देखी गई, जिन्होंने बिहार से जातिवाद खत्म न होने पर नाराजगी जताई और नीतीश को कोसा। इन यूजर्स का ये भी आरोप है कि फिर लालू जैसे नेता और नीतीश में अंतर ही क्या रहा। यहां नीचे आप पढ़ सकते हैं कि नीतीश से लोगों ने किस तरह अपनी नाराजगी जताई है…
Mandal ne to congress ki aise hi band baja di with rise of castiest parties like RJD, SP.
Ab to sudhar jao— Adarsh/Адарш ?? (@beastfeast04) June 1, 2022
It is absurd that political leaders are not willing to move out of this caste based politics. What radical changes did you bring to the fore after such prolonged rsrvtn?
Agn too woo voters,u r going for caste based census. Why not POOR based census so that all may get benefited?— Shubham Dubey (@skdshubhamdubey) June 1, 2022
As far as I know Census is done by center , So take as many decisions as u want but it wont impact center’s decision ?
— bhaiyafromup (@bhaiyafromup) June 1, 2022
सुशासन बाबु कुछ काम भी कर लीजिये |
बिहार ठीक होने के रास्ते पर था फिर सब कुछ फिर से रुक गया है | बस यही हो रहा है जो आप कर रहे हैं |लोगों के जीवन स्तर में कुछ भी सुधार नहीं हो रहा है | लगता नहीं है की बिहार जात पात के आगे कुछ और देख पायेगा |
दूसरा लालू बन के मत रह जाइए |— I am the One ?? ?? (@WeirdStatement) June 1, 2022
India should be free from caste system and here they are feeling proud by announcing caste based census. Btw caste system was officially abolished in 1950. Inka kuch nahi ho sakta??♂️
— Abhas (@abhasrocks) June 1, 2022