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Gyanvapi Row: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज अहम फैसले का दिन, हिंदू पक्ष ने पूजा-पाठ की मांगी है मंजूरी, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक की भी है मांग

ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर यहां पहले बने आदि विश्वेश्वर के भव्य मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था। हिंदू पक्ष के मुताबिक यहां मंदिर की दीवारों पर ही मस्जिद बना दी गई। मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे भी हुआ था। सर्वे से पता चला था कि मस्जिद में कई जगह हिंदू देवी-देवता और प्रतीक चिन्ह हैं। मस्जिद के गुंबदों के भीतर भी पिरामिड जैसे पुराने गुंबद होने की जानकारी मिली थी।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज अहम फैसले का दिन है। वाराणसी जिला कोर्ट में सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र पांडेय आज किरन सिंह बिसेन बनाम यूपी सरकार के केस में दोपहर 12.30 बजे से 3 बजे के बीच फैसला सुनाएंगे। इस मुकदमे में किरन सिंह बिसेन ने अपील की है कि तुरंत भगवान आदि विश्वेश्वर के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की पूजा-अर्चना शुरू कराई जाए, पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और वहां मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। इस अपील को मसजिद कमेटी ने चुनौती दी है। उसने ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत केस की पोषणीयता पर सवाल उठाया है।

gyanvapi masjid

कोर्ट ने इस मामले में 27 अक्टूबर को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने क बाद पोषणीयता पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। आज जज बताएंगे कि हिंदू वादी का केस चलने लायक है या नहीं। अगर कोर्ट का फैसला किरन सिंह बिसेन के पक्ष में आता है, तो मसजिद कमेटी इसे हाईकोर्ट में चुनौती दे सकेगी। बता दें कि ऐसे ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने मुस्लिम पक्ष की ओर से पोषणीयता को चुनौती दिए जाने को खारिज कर दिया था। उस अर्जी में ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदुओं को सौंपने, वहां फिर से सर्वे कराने और वजूखाने के बीच में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की जांच कराने की मांग रखी गई है।

shivling gyanvapi masjid

ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर यहां पहले बने आदि विश्वेश्वर के भव्य मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था। हिंदू पक्ष के मुताबिक यहां मंदिर की दीवारों पर ही मस्जिद बना दी गई। मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे भी हुआ था। सर्वे से पता चला था कि मस्जिद में कई जगह हिंदू देवी-देवता और प्रतीक चिन्ह हैं। मस्जिद के गुंबदों के भीतर भी पिरामिड जैसे पुराने गुंबद होने की जानकारी मिली थी। साथ ही वजूखाने के बीच में पानी में डूबी शिवलिंग जैसी आकृति भी सर्वे के दौरान पता चली थी। हिंदू इसे भगवान विश्वेश्वर का ज्योतिर्लिंग बता रहे हैं। वहीं, मस्जिद कमेटी इसे फव्वारा कह रही है।