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Video: कश्मीर के जवान की मां जब शौर्य चक्र लेते हुए हुईं भावुक, आंखों से छलके आंसू

Video: देश के लिए शहादत देने वाले बेटे को सम्मान से नवाजा जाना हर एक मां के लिए गर्व की बात होती है। लेकिन अपने बेटे को भूल जाना किसी भी मां के लिए आसान नहीं होता। ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को देखा गया जब जम्मू-कश्मीर में एक शहीद पुलिसकर्मी बिलाल अहमद मागरे की मां सारा बेगम देश के लिए बलिदान देने वाले अपने बेटे का शौर्य चक्र लेने के लिए पहुंची।

नई दिल्ली। देश के लिए शहादत देने वाले बेटे को सम्मान से नवाजा जाना हर एक मां के लिए गर्व की बात होती है। लेकिन अपने बेटे को भूल जाना किसी भी मां के लिए आसान नहीं होता। ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को देखा गया जब जम्मू-कश्मीर में एक शहीद पुलिसकर्मी बिलाल अहमद मागरे की मां सारा बेगम देश के लिए बलिदान देने वाले अपने बेटे का शौर्य चक्र लेने के लिए पहुंची। राष्ट्रपति भवन में जैसे ही बिलाल अहमद के नाम के साथ उनकी बहादुरी के किस्से बताए गए, सारा बेगम खुद को संभाल न सकीं और वह फफक-फफक कर रोने लगीं। शौर्य चक्र शांतिकाल में देश का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। बिलाल अहमद साल 2019 में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान शहीद हुए थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों शौर्य चक्र लेने के लिए आगे बढ़ी जिसका वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जैसे ही बिलाल अहमद का नाम पुकारा गया और सारा बेगम खड़ी हुईं, वैसे ही वो सुबकने लगीं। आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान बिलाल अहमद की बहादुरी की जानकारी भी इस दौरान दी गई थी।

वहीं अवार्ड ग्रहण करने के लिए आगे ले जा रहे सुरक्षाकर्मी भी सारा बेगम को ढांढस बंधाने की कोशिश करते दिखे। वहीं अवार्ड ग्रहण करने के लिए के बाद वरिष्ठ मंत्रियों के अभिवादन के लिए मुडीं सारा बेगम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सांत्वना देने की कोशिश करते दिखाई दिए।

गौरतलब है कि बारामूला में आतंकियों के छिपे होने की खबर सामने आने के बाद आतंकी अभियान शुरू किया गया था। जहां बिलाल अहमद भी आम नागरिकों को सुरक्षित निकालने और आतंकियों को ढेर करने के मिशन में शामिल हो गए थे। नागरिकों को सुरक्षित निकाल रहे बिलाल अहमद को देखते हुए छिपे आतंकियों ने कई हैंड ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी करना शुरू कर दिया था। अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे बिलाल इस दौरान बुरी तरह से घायल हो गए। इसके बावजूद भी उन्होंने अपने साथ अन्य नागरिको को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का साहस दिखाया था।