नई दिल्ली। पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने कहा कि उनका काम देश के सैन्य बलों के विभिन्न अंगों के बीच तालमेल बिठाना है। मंगलवार को भारत के सेनाध्यक्ष के तौर पर सेवानिवृत्त हुए रावत को तीनों सेनाओं ने गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान रावत के अलावा सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवने, एयर चीफ मार्शल राकेश सिंह भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम तीनों सेनाओं को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। तीनों सेनाएं एक टीम की तरह काम करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को दिए गए कार्य के अनुसार हमें एकीकरण को बढ़ाकर बेहतर संसाधन प्रबंधन करना होगा। सेना राजनीति से दूर रहती है। सेना सरकार के आदेश के तहत काम करती है। तीनों सेनाओं के लिए मेरा व्यवहार एक जैसा होगा।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार संभालने के बाद बिपिन रावत ने कहा कि सीडीएस का काम तीनों सेनाओं को एकजुट बनाना, हम इसी ओर आगे बढ़ेंगे। अब आगे की कार्रवाई टीम वर्क की जरिए होगी, सीडीएस सिर्फ सहयोग करेगा। 1+1+1 के जोड़ को 3 नहीं, 5 या 7 बनाएंगे। जो भी संसाधन हैं, उसपर काम करते हुए आगे बढ़ेंगे।
बता दें कि बिपिन रावत 65 साल की उम्र तक चीफ ऑफ डिफेंस के पद पर रह सकते हैं। यानि जनरल रावत अगले तीन साल तक इस पद पर बने रह सकते हैं क्योंकि वे इसी साल मार्च में 62 साल के होंगे। सरकार ने सीडीएस के पद के लिए शनिवार को ही आर्मी रूल्स में बदलाव करते हुए सीडीएस के लिए 65 साल की उम्र घोषित कर दी थी।