newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

West Bengal: ममता दीदी की नजर में पुजारियों से बड़े हैं मस्जिदों के इमाम!, इसकी वजह है उनका ये फैसला

West Bengal: बता दें कि ममता बनर्जी ने इमामों के मासिक भत्ते को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ाया है। अब इमामों के भत्ता ढ़ाई हजार रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। वहीं, मुअज्जिनों के भत्ते में भी 500 रुपये की वृद्धि हो गई है। अब उनको एक हजार की बजाय डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।

नई दिल्ली। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, मुसलमानों के होते मोहभंग को देख टीएमसी प्रमुख चिंतित दिखाई दे रही हैं। इसलिए बंगाल सरकार ने मुसलमानों को नाराजगी दूर करने के लिए इमाम और मुअज्जिनों के भत्ते को बढ़ा दिया। वहीं बंगाल सरकार ने पंडितों का भत्ता 1000 रुपये से बढ़कर 1500 कर दिया है। लेकिन ममता बनर्जी के इस ऐलान के बाद सियासी घमासान मचना शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस ने बंगाल सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। सीएम ममता ने इमामों और पंडितों के भत्ते में भेदभाव दिखाने की कोशिश की है। दोनों ही बराबरी सेवा करते हैं। मगर पंडितों के मुकाबले इमामों का भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है। सीएम ममता की नजर में पुजारियों से बड़े मस्जिदों के इमाम हैं! इतना ही नहीं ममता बनर्जी केंद्र को निशाना साधते हुए संदेश देती रहती है कि बंगाल सरकार किसी भी समुदाय में भेदभाव नहीं करती है, जबकि भत्ते में अंतर दिखाकर ममता बनर्जी ने इस भेदभाव को खुद उजागर कर दिया है।

mamata banerjee 2

बता दें कि ममता बनर्जी ने इमामों के मासिक भत्ते को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ाया है। अब इमामों के भत्ता ढ़ाई हजार रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। वहीं, मुअज्जिनों के भत्ते में भी 500 रुपये की वृद्धि हो गई है। अब उनको एक हजार की बजाय डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। बंगाल के करीब 30 हजार इमामों और 20 हजार मुअज्जिनों को ममता सरकार की तरफ से ये वित्तीय लाभ मिल रहा है। अब इस फैसले के बाद और बढ़कर मिलेगा। बता दें कि नेताजी इंडोर स्टेडियम में इमामों और मुअज्जिनों का सम्मेलन हुआ था। 

पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के कर्मचारी और पेंशनरों को लंबे समय से डीए नहीं मिल रहा है। वे सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर हैं। डीए देने की मांग पर ममता बनर्जी कहती हैं कि खजाने में पैसा नहीं है, लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिरकार इमामों और मुअज्जिनों के भत्ते बढ़ाने के लिए पैसे कहां से आते है? इसको लेकर भाजपा और अन्य पार्टियां ममता सरकार को घेरना शुरू दिया है।