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Ramesh Bidhuri: ‘ऐसी हरकत की क्या जरूरत थी.. बसपा सांसद को अपशब्द कहने पर रमेश बिधूड़ी से BJP ने मांगा जवाब

Ramesh Bidhuri: गौरतलब है कि 2014 में बीजेपी सांसद बनने से पहले रमेश बिधूड़ी तीन बार दिल्ली से विधायक रह चुके हैं। उनकी भड़काऊ बयान देने की प्रवृत्ति अक्सर जांच का विषय रही है।

नई दिल्ली। शुक्रवार को खचाखच भरे सदन में दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ जो अपशब्द कहे उसपर हंगामा मच गया है। अब उनको इस अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए नोटिस दिया गया है। बिधूड़ी द्वारा अली को ‘उग्रवादी’ और ‘मुल्ला’ जैसे शब्दों से संबोधित करने के बाद हंगामा मच गया। इस घटना से आक्रोश फैल गया है और बसपा सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने भाजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अब खबर है कि भाजपा ने बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ असंसदीय भाषा के इस्तेमाल के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर पार्टी सांसद रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले बिधूड़ी को ऐसी हरकतें न करने की सलाह दी थी और दोबारा ऐसा करने पर सख्त परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर बिधूड़ी गुरुवार को सारी हदें पार करते दिखे। यहां तक कि उन्होंने बसपा सांसद को परोक्ष धमकी देते हुए कहा, “मैं तुम्हें बाहर देख लूंगा।” दानिश अली ने तुरंत लोकसभा अध्यक्ष को एक लिखित पत्र के माध्यम से संबोधित किया, और लोकतंत्र के हॉल के भीतर उन पर किए गए अपशब्दों पर अपनी व्यथा व्यक्त की।

अली ने बिधूड़ी के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए मामले को एथिक्स कमेटी के पास भेजने की मांग की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश एक कदम आगे बढ़कर बिधूड़ी को लोकसभा से निलंबित करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच, राजद के लालू प्रसाद यादव ने मोदी के कार्यकाल के तहत प्रचलित राजनीतिक संस्कृति पर टिप्पणी की है, इस घटना को दुस्साहस और अनुचितता से चिह्नित युग का एक खतरनाक उदाहरण माना है। यादव ने पोस्ट किया, “पीएम मोदी के इशारे पर एक बीजेपी सांसद ने एक विवादास्पद, अभद्र और अशोभनीय बयान जारी किया है। यह आपत्तिजनक, निंदनीय और समाज के लिए चिंता का कारण है। सच्चाई यह है कि यह समृद्धि का युग नहीं है।”

गौरतलब है कि 2014 में बीजेपी सांसद बनने से पहले रमेश बिधूड़ी तीन बार दिल्ली से विधायक रह चुके हैं। उनकी भड़काऊ बयान देने की प्रवृत्ति अक्सर जांच का विषय रही है। हालाँकि, यह हालिया प्रकरण भारतीय लोकतंत्र के उच्चतम स्तर के भीतर शिष्टाचार और सम्मान के बारे में प्रासंगिक सवाल उठाता है। ऐसी भाषा का प्रयोग न केवल व्यक्ति पर, बल्कि जिस पार्टी का वह प्रतिनिधित्व करता है, उस पर भी बुरा प्रभाव डालता है। ऐसे समय में जब राजनीतिक प्रवचन को सभ्यता और रचनात्मक बहस के लिए प्रयास करना चाहिए, इस तरह की घटनाएं हमारे निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच जवाबदेही और जिम्मेदारी की आवश्यकता की याद दिलाती हैं।