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CM Yogi In Pran Pratishtha : ‘जहां का संकल्प लिया था, मंदिर वहीं बना है..’ प्राण प्रतिष्ठा के बाद सीएम योगी का जोरदार भाषण, जानिए क्या-क्या कहा?

CM Yogi In Pran Pratishtha : उन्होंने कहा कि आज घर-घर में भगवान राम का नाम लिया जा रहा है और राम का जीवन हमें अनुशासन सिखाता है। भारतीय समाज ने भी आत्म-अनुशासन की अवधारणा को अपनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का भी विकास हो रहा है और एक समय था जब अयोध्या में हवाई अड्डा बनना एक सपना था, जो अब साकार हो रहा है।

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया है जहां इसे बनाने का संकल्प लिया गया था। मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की कि 500 वर्षों के बाद भगवान रामलला अपने मंदिर में लौटे हैं, जिससे ऐसा महसूस हो रहा है मानो वे त्रेता युग में प्रवेश कर गए हों। उन्होंने कहा कि समाज ने इसके लिए संघर्ष किया है, संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि आज घर-घर में भगवान राम का नाम लिया जा रहा है और राम का जीवन हमें अनुशासन सिखाता है। भारतीय समाज ने भी आत्म-अनुशासन की अवधारणा को अपनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का भी विकास हो रहा है और एक समय था जब अयोध्या में हवाई अड्डा बनना एक सपना था, जो अब साकार हो रहा है।

सीएम योगी इस मौके पर बड़े ही भावुक नजर आए, उन्होंने तमाम बातें की, सीएम योगी ने इस दौरान राम मंदिर आंदोलन के दिनों को भी याद किया, उन्होंने लाखों कारसेवकों के बलिदान को भी नमन किया। अंत में योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रभु राम लला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई… मन भावुक है… निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे… आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है… हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है। हर जुबान राम नाम जप रही है। रोम-रोम में राम रमे हैं…ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गए हैं…”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिप्पणी की, “श्री राम जन्मभूमि प्रकरण संभवतः दुनिया का पहला अनूठा उदाहरण है जहां किसी देश की बहुसंख्यक आबादी ने अपने पूज्य के जन्मस्थान पर मंदिर के निर्माण के लिए इतने स्तरों पर लड़ाई लड़ी है। आज आत्मा इस बात से अभिभूत है कि मंदिर उसी स्थान पर बन गया है, जहां इसे बनाने का संकल्प लिया गया था।”