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कौन होगा UP का अगला बादशाह? योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव या फिर कोई और? सर्वे ने बयां किया जनता का मिजाज

UP Election 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश जनता के सबसे पंसदीदा नेता माने जा रहे हैं। सर्वे से सहज कहा जा सकता है कि अगर अभी चुनाव करा लिए जाए, तो अगले ही दिन पुन: योगी आदित्यनाथ के माथे मुख्यमंत्री का ताज पहना दिया जाएगा।

नई दिल्ली। कुछ ही माह बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। तमाम सियासी दलों के नुमाइंदे अपनी जीत सुनिश्चित करने की जद्दोजहद में मसरूफ हो चुके हैं। लेकिन सफलता किसके हाथ लगेगी। यह प्रश्न अभी-भी अनुउत्तरित है। ऐसे में कयासों का बजार गुलजार है और इन्हीं कयासों के आधार पर विभिन्न न्यूज चैनलों द्वारा सूबे की जनता के मिजाज को भांपने का सिलसिला भी जारी है। जिसमें कभी बीजेपी का पलड़ा नजर आ रहा है, तो कभी कांग्रेस, तो कभी सपा। ऐसे में इन आंकड़ों की विश्वनियता तो आगामी चुनाव के बाद ही तय हो पाएगी, लेकिन वर्तमान में जिस तरह से इन सर्वों को लेकर आम जनमासस की आतुरता अपने चरम पप पहुंच चुकी है। उसी को ध्यान में रखते हुए इस रिपोर्ट में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आखिर आगामी विधानसभा चुनाव में कौन होने जा रहा है उत्तर प्रदेश का अगला मुखिया। सीएम योगी आदित्यनाथ या फिर कोई और..?  जानिए के लिए पढ़िए हमारी ये खास रिपोर्ट-

कौन होगा यूपी का बादशाह?  

तो चलिए अगर सबसे पहले बात उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी  बीजेपी और उनके मुखिया योगी आदित्यनाथ की करें, तो हालिया सर्वे के मुताबिक, अन्य सभी दलों की तुलना बीजेपी की स्थिति सबसे मजबूत मानी जा रही है। न महज दलिय दृष्टिकोण से अपितु अन्य किसी भी सियासी सूरमाओं की तुलना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश जनता के सबसे पंसदीदा नेता माने जा रहे हैं। सर्वे से सहज कहा जा सकता है कि अगर अभी चुनाव करा लिए जाए, तो अगले ही दिन पुन: योगी आदित्यनाथ के माथे मुख्यमंत्री का ताज पहना दिया जाएगा। वहीं, सर्वे की बात करें, तो बीजेपी प्रदेश की 49 फीसद जनता की पसंदीदा पार्टी बनकर उभर रही है। इससे पहले 25 दिसंबर को जारी किए गए सर्वे में बीजेपी की कुल 48 फीसद जनता की पंसदीदा पार्टी में से एक थी। वहीं, दूसरे दलों की बात करें, तो कांग्रेस की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। कुल 6 फीसद जनता ही कांग्रेस को पसंद करती हुई नजर आ रही है।

Akhilesh yadav CM Yogi

ऐसे में यह कहने में किसी को कोई गुरेज नहीं होना चाहिए अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो कांग्रेस की नौका डूबने से कोई नहीं रोक सकता है। सपा की बात करें, तो कांग्रेस की तुलना में इसकी स्थिति बेहतर है। प्रदेश की कुल 30 फीसद की जनता  सपा के पाले में जाती हुई देखी जा सकती है, लेकिन सपा के लिए छापेमारी के खेल में जरूरी चुनौति पैदा कर ही है, क्योंकि 25  दिसंबर को जारी हुए सर्वे में सपा के पाले में कुल 31 फीसद वोट जाते हुए दिखाए गए थे। ऐसे में सपा को अपनी स्थिति दुरूस्त करने के लिए व बीजेपी की राह में चुनौतियां पैदा करने के लिए अपना पूरा दमखम लगाना होगा। वहीं,  सपा, कांग्रेस और बीजेपी से अकेले ही लोहा लेने वाली बसपा की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं लगती है। प्रदेश की महज 8 फीसद जनता का दिल जीतने में अब तक बसपा कामयाब हो पाई है। ऐसे में उसे अपनी स्थिति को दुरूस्त करने के लिए एड़ी चोटी का लगाना होगा।

UP Survey

कौन है पसंदीदा चेहरा

बेशक, मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर आसीन होने के लिए सूबे की बेशुमार सियासी हस्तियों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया हो, लेकिन अभी योगी आदित्यनाथ अन्य सभी राजनीतिक हस्तियों की तुलना में प्रदेश के सर्वाधिक पंसदीदा नेताओं में से एक हैं। लिहाजा अन्य किसी भी नेताओं की तुलना में वे सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले नेताओं में से एक हैं। प्रदेश की 43 फीसद जनता उन्हें अपना पसंदीदा नेता मानती है।

वहीं, अगर अन्य सियासी नेताओं की बात करें, तो अखिलेश यादव प्रदेश के 33 फीसद लोगों के चहेते नेताओं में से एक हैं। मायावती को 15 फीसद और प्रियंका गांधी 3 फीसद। इन सर्वों से यह साफ जाहिर होता है कि  बीजेपी के समक्ष चुनौतियां पैदा करने के लिए अभी अन्य दलों को  एड़ी चोटी का जोर लगा देन होगा। वहीं,  पिछले कुछ दिनों से जिस तरह आयकर विभाग की तरफ सपा नेताओं की पर छापेमारी की जा रही है, उससे भी उनकी सियासी चुनौतियां बढ़ गई है। अंब ऐसे में ये सर्वे  आगामी चुनाव में कहां तक चरितार्थ हो पाते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।