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CM Ashok Gehlot Gifted IPhone MLA: बजट में गहलोत ने विधायकों को क्यों बांटे करोड़ों के IPhone?

CM Ashok Gehlot Gifted IPhone MLA: इससे पहले भी बजट के समय विधायकों को कई महंगी सौगातें दी जा चुकी हैं। साल 2021-22 का बजट सदन में पेश होने के बाद विधायकों को बजट से संबंधित दस्तावेज ब्रीफकेस में रखकर उनके साथ ऐपल के I-PAD दिए गए थे। वहीं, उससे पहले के बजट में लैपटॉप दिए गए थे।

नई दिल्ली। चुनावी मौसम में सरकारी खजाने से जनता को रेवड़ियां बांटते हुए, तो आपने नेताओं को अक्सर देखा या सुना होगा, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि एक सूबे की सरकार सरकारी खजाने से अपने ही विधायकों के लिए पानी की तरह पैसा बहा सकती है और वो भी तब जब वो अपना बजट पेश कर रही हो। जी हां…आपको सुनकर शायद हैरानी हो रही होगी, लेकिन हम बात कर रहे हैं देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की, जहां आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चौथी बार विधानसभा में राजस्थान का वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया, लेकिन इस बजट से ज्यादा चर्चा रही इसके पेश होने के बाद सभी 200 विधायकों को ऐप्पल आईफोन 13 दिए जाने की। विधायकों को लगभग 75 हजार से एक लाख रुपये की कीमत का iPhone 13 दिया गया। सरकार ने हाल ही में 250 एप्पल आईफोन खरीदे जिसमें से 200 आईफोन विधानसभा के सदस्यों को दिए गए। विधायकों को दिए गए Iphones की कीमत 2 करोड़ रूपए है। इन Iphones को विधायकों को दिए जाने से पहले विधानसभा के ऐप को भी अपग्रेड किया गया।

यहां आपको ये भी बता दें कि राज्य सरकार विधायकों को इतना महंगा गिफ्ट पहली बार नहीं दे रही है। इससे पहले भी बजट के समय विधायकों को कई महंगी सौगातें दी जा चुकी हैं। साल 2021-22 का बजट सदन में पेश होने के बाद विधायकों को बजट से संबंधित दस्तावेज ब्रीफकेस में रखकर उनके साथ ऐपल के I-PAD दिए गए थे। वहीं, उससे पहले के बजट में लैपटॉप दिए गए थे। बताया जा रहा है कि इस बार विधायकों के नए आवास भी बन रहे हैं और जयपुर के पौश इलाके मानसरोवर में विधायकों को फ्लैट दिए गए हैं और वो भी बेहद रियायती दरों पर।

ashok gahlot

गहलोत सरकार विधायकों पर छप्पर फाड़ रही है, तो इससे खुद का ठगा हुआ महसूस कर रहा है राजस्थान का वो गरीब किसान जो कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या करने पर मजबूर है, खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है, राजस्थान का वो नौजवान जो सरकार से रोजगार की दरख्वास्त करता है, तो उसे बदले में पुलिस की लाठी मिलती है। सवाल सीएम साहब से है कि जिस राजस्थान के बारे में नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि यहां के शहरी इलाकों में 11.52% और ग्रामीण इलाकों में 35.22% लोग गरीबी के साए में ज़िंदगी काटने को मजबूर हैं उस राजस्थान में माननीयों पर इतनी मेहरबानी आखिर किसलिए।