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Attack On Rahul: जिन प्रशांत किशोर के कांग्रेस में जाने की हो रही चर्चा, उनसे मुलाकात के बाद TRS नेता का राहुल पर हमला

केटीआर के नाम से प्रसिद्ध रामाराव ने कांग्रेस को कमजोर पार्टी बताया और कहा कि उसकी वजह से ही बीजेपी दिन पर दिन मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस की वजह से पीएम मोदी की ताकत लगातार बढ़ी है।

हैदराबाद। बीते दिनों चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर दो बार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी बैठक में थीं। जिसके बाद खबरें उड़ी थीं कि जल्दी ही प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे। अब एक घटना ऐसी हुई है, जिसने कांग्रेस और प्रशांत किशोर उर्फ पीके के बीच करीबी पर सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल, रविवार को पीके ने हैदराबाद जाकर तेलंगाना राष्ट्र समिति TRS के सुप्रीमो और राज्य के सीएम के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की। इसके बाद टीआरएस की तरफ से कहा गया कि उसने चुनाव प्रबंधन के लिए प्रशांत की कंपनी आईपैक से समझौता किया है। यहां तक तो सब ठीक लग रहा था, लेकिन प्रशांत के हैदराबाद से रवाना होने के बाद चंद्रशेखर राव के बेटे और टीआरएस के नेता केटी रामाराव ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोल दिया।

kt rama rao

केटी रामाराव ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और कांग्रेस ही पीएम नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी ताकत हैं। केटीआर के नाम से प्रसिद्ध रामाराव ने कांग्रेस को कमजोर पार्टी बताया और कहा कि उसकी वजह से ही बीजेपी दिन पर दिन मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस की वजह से पीएम मोदी की ताकत लगातार बढ़ी है। मजे की बात ये भी है कि प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच गलबहियां होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन टीआरएस, कांग्रेस की बहुत बड़ी विरोधी रही है। वो लगातार कांग्रेस पर निशाना साधती रही है।

prashant kishore and mamata

एक और खास बात ये भी है कि प्रशांत किशोर जब तृणमूल कांग्रेस TMC में थे, तो उसकी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी लगातार कांग्रेस के खिलाफ बोलती रही थीं। ममता ने तो साफ कह दिया था कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस नहीं कर सकती। उन्होंने भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे। ऐसे में अब चर्चा इसकी हो रही है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में जाने से पहले ही दक्षिण भारत की एक बड़ी पार्टी को उसके खिलाफ और भड़का चुके हैं। ऐसे में विपक्षी एकता की सियासत आने वाले समय में नए रंग और रूप धारण कर सकती है।