
इलाहाबाद। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई के सर्वे पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष अपील कर सकता है। जानकारी के मुताबिक इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से सर्वे पर रोक लगाने की अपील हाईकोर्ट में दाखिल होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की तरफ से मामला उठाए जाने के बाद 26 जुलाई 2023 की शाम 5 बजे तक एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी थी और इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से ये भी कहा है कि मुस्लिम पक्ष की अपील दाखिल होते ही उस पर सुनवाई की जाए। हाईकोर्ट में होने वाला फैसला इस केस के लिए बहुत अहम होने जा रहा है। अगर हाईकोर्ट से सर्वे पर रोक नहीं लगती, तो मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा और वहां से भी रोक न लगी, तो मुस्लिम पक्ष के लिए फिर अन्य दरवाजे अंतिम फैसले तक बंद हो जाएंगे। एएसआई के सर्वे से सामने आने वाले सबूतों की वजह से 353 साल पुराने विवाद का भी अंत हो जाएगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने मामला उठाया। उन्होंने कोर्ट को ये भी बताया था कि एएसआई की टीम ज्ञानवापी मस्जिद में खोदाई कर रही है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोर्ट को बताया था कि हुजैफा अहमदी का ये दावा गलत है। मेहता ने बताया था कि एएसआई ने एक ईंट भी इधर से उधर नहीं की है। वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील लगातार सुप्रीम कोर्ट से एएसआई सर्वे पर स्टे की मांग कर रहे थे, लेकिन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले को हाईकोर्ट ले जाने के लिए कह दिया। अब हाईकोर्ट तय करेगा कि एएसआई का वैज्ञानिक सर्वे ज्ञानवापी मस्जिद में हो या नहीं।
ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि 1669 में तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगबेज ने आदि विश्वेश्वर का प्राचीन मंदिर ढहाकर उसके मलबे पर मस्जिद बनवा दी। मासिरी-ए-आलमगीरी नाम की किताब और औरंगजेब के एक फरमान के हवाले से ये दावा किया जाता है। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी में पूजा-अर्चना की छूट देने की मांग की है। उसका ये भी कहना है कि 1990 के बाद तक यहां मां शृंगार गौरी की पूजा करने दी जाती थी, लेकिन बाद में जगह को बंद करा दिया गया। हिंदू पक्ष की अर्जी पर वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने एएसआई से ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे करने को कहा था। इससे पहले सिविल जज सीनियर डिवीजन ने कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराया था। तब ज्ञानवापी के वजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति, गुंबद के भीतर शंकु के आकार के पुराने गुंबद, दीवारों पर कलाकृतियां और त्रिशूल जैसे चिन्ह मिले थे।