PM Modi-Xi Jinping: PM मोदी ने क्यों ठुकरा दिया था चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात का प्रस्ताव, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताई वजह!

PM Modi-Xi Jinping: पीएम मोदी का किसी भी मामले में रुख सीधा और स्पष्ट होता है। दोस्तों के लिए वो दिल खोलकर मदद करते हैं। तो वहीं, देश को आंख दिखाने वालों को ऐसा करारा जवाब देते हैं जो मिसाल बन जाता है। पीएम मोदी विरोधियों के खिलाफ किस तरह का व्यवहार करते हैं हाल ही में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इससे जुड़ा एक किस्सा सुनाया है।

रितिका आर्या Written by: November 11, 2022 11:54 am
PM Modi-Xi Jinping

नई दिल्ली। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही भारत, दुनिया के बाकी देशों के बीच अहम स्थान पर आ गया है। आज भारत की गिनती विकासशील देशों में की जाती है। दुनिया का हर देश भारत के साथ मैत्रिपुण रिश्ते रखना चाहता है। पीएम मोदी ने कुछ ही सालों में जिस काबिलियत और अदा से भारत को जिस जगह लाकर खड़ा कर दिया है उस पर विपक्ष भी फिदा हैं। अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए इन्हीं फैसलों की वजह से आज पीएम मोदी भी दुनियाभर के लोगों के दिलों में अपने लिए स्थान बना चुके हैं। पीएम मोदी का किसी भी मामले में रुख सीधा और स्पष्ट होता है। दोस्तों के लिए वो दिल खोलकर मदद करते हैं। तो वहीं, देश को आंख दिखाने वालों को ऐसा करारा जवाब देते हैं जो मिसाल बन जाता है। पीएम मोदी विरोधियों के खिलाफ किस तरह का व्यवहार करते हैं हाल ही में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इससे जुड़ा एक किस्सा सुनाया है।

दरअसल, हुआ ये था कि उज्बेकिस्तान में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आग्रह भी किया था। हालांकि जब इस बारे में पीएम मोदी को पता चला तो उन्हें जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता करने से इंकार कर दिया। पीएम मोदी का चीनी राष्ट्रपति से इस तरह वार्ता से इंकार किए जाने के बाद से ही हर कोई यही सोच रहा था कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

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जयशंकर ने अब पीएम मोदी के इस कदम के पीछे की वजह इशारों ही इशारों में बताई है। भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन के साथ हमारे देश के संबंध तब तक सामान्य नहीं होंगे जब तक की सीमावर्ती इलाकों में शांति न हो। भारत पहले ही इस बारे में कह चुका है कि चालबाजी की जाएगी तो संबंध ऐसे ही रहेंगे। इसके आगे जयशंकर ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का माहौल बनाने के लिए समझौतों का पालन नहीं किया जाता है। स्थिति को सामान्य बनाने के लिए एकतरफा प्रयास नहीं किए जा सकते।

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हालांकि यहां देश के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सीधे-सीधे तो कुछ नहीं कहा लेकिन माना जा रहा है कि गलवान घाटी में चीन के धोखे की वजह से ही पीएम मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के प्रस्ताव को खारिज किया। इसके अलावा जब तक सीमावर्ती इलाकों में चीन अपनी सेना भेज-भेजकर उन इलाकों पर अपना कब्जा दिखाने की कोशिश करेगा तब तक भारत के साथ उसके रिश्ते खटास भरे ही रहेंगे। आपको बता दें, साल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद से ही चीन और भारत के रिश्ते खराब हो गए थे। पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में जारी टकराव अभी तक शांत नहीं हुआ है। इसके अलावा भी और कई ऐसे मामले हैं जिन्हें लेकर भारत और चीन के बीच विवाद बना हुआ है।