
नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो चुकी हैं। कोई अपनी उपलब्धियां गिना रहा है, तो कोई दूसरों की खामियां बता रहा है। मकसद सबका एक ही है कि कैसे भी करके गुजरात का किला फतह किया जा सकें। गुजरात में दो चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण का चुनाव एक दिसंबर और दूसरे चरण का चुनाव पांच दिसंबर को होगा और नतीजों की घोषणा 8 दिसंबर को होगी। उससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियों की सक्रियता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। चुनाव प्रचार का सिलसिला भी जारी है। मुख्तलिफ सियासी दलों के नेता मीडियाकर्मियों के समक्ष भी अपनी उपलब्धियां गिनाने के साथ-साथ कई सारगर्भित विषयों पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। अब इसी बीच गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक साक्षात्कार में कई मुद्दों को लेकर जवाब दिए और इसके साथ एक ऐसा सवाल भी उठाया, जिसे लेकर सियासी पारा चरम पर है।
आपको बता दें कि साक्षात्कार में सुधांशु त्रिवेदी ने हिंदुओं को टारगेट किए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आखिर क्यों हमेशा हिंदुओं को ही निशाने पर लिया जाता है? उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों हिंदुइज्म की तरह क्रिश्चियनिज्म या इस्लामिज्म शब्द नहीं गढ़ा गया? आखिर क्यों हिंदुत्व को ही हमेशा निशाने पर लिया जाता है? यह सबकुछ हिंदू संस्कृति को लांछित करने के लिए किया जाता है। इस साजिश को हमें समझना होगा अन्यथा हमें आगामी दिनों में भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है, जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। अगर आपको यकीन ना हो तो आप ईरान में देख सकते हैं, जहां सभी पारसी मिट गए तो वे शांति की तलाश में भारत आए। उन्होंने आगे यहुदियों का जिक्र कर कहा कि भारत में यहुदियों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव कभी नहीं किया गया।
चुनाव में हिंदुत्व, ज़रूरी या मजबूरी… सुधांशु त्रिवेदी को सुनिए #ZeeManchGujarat पर
गुजरात का नया ‘सरदार’ कौन?
#AbKiBaarKiskiSarkaar @SudhanshuTrived @aditi_tyagi https://t.co/9j8T0xtV05— Zee News (@ZeeNews) November 25, 2022
भारत में सभी को समान अधिकार प्रदान किए जाते हैं। किसी भी प्रकार का भेदभाव बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। इलके अलावा सुधांशु से ओवैसी को लेकर भी सवाल पूछा गया। दरअसल, उनसे सवाल पूछा गया कि ओवैसी कहते हैं कि चुनाव में इसे मुद्दे को लेकर होड़ी मच हुई है कि आखिर सबसे ब़ड़ा हिंदू कौन है? इस पर आपकी क्या राय है। इस पर सुधांशु ने आगे कहा कि लड़ाई इस बात को लेकर नहीं हो रही है कि आखिर सबसे बड़ा हिंदू कौन है? बल्कि, इस बात को लेकर हो रही है कि आखिर सबसे बड़ा मुस्लिम हिमायती कौन है? आप देख लीजिए जब एनआरसी और सीएए का मुद्दा प्रकाश में आया था, तो कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों में मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए होड़ मच गई।
आपको बता दें कि हिमचाल प्रदेश सहित गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं। हिमाचल प्रदेश का एक चरण और गुजरात के दो चरणों में चुनाव होने हैं और नतीजों की घोषणा आगामी 8 दिसंबर को होगी। जिसके बाद यह तय हो जाएगा कि सूबे में किसकी सरकार बनने जा रही है। फिलहाल पूरे मसले को लेकर सूबे में राजनीतिक पारा अपने चरम पर है। ऐसी स्थिति में बतौर पाठक इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।