नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के नतीजे गुरुवार को घोषित कर दिए गए है। देश के सबसे सूबे यूपी में एक बार फिर भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। वहीं, सपा, कांग्रेस, बसपा को यूपी की जनता ने बाहर का रास्ता दिखाया है। भाजपा ने 270 से ज्यादा सीटें जीतकर सूबे में दोबारा सरकार बनाकर इतिहास रच दिया है। 37 साल बाद किसी पार्टी ने लगातार राज्य में सरकार बनाने का कीर्तिमान रच दिया है। इसी बीच यूपी के राजनीति से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा की नई सरकार होली से पहले शपथ ले सकती है। सूत्रों के मुताबिक, योगी कैबिनट के अन्य सहयोगियों के साथ 15 मार्च को पद एवं गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं। बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाया जाएगा।
इसके अलावा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज नेता का शिरकत कर सकते है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव का नतीजे घोषित होने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ के दोबारा से सीएम पद की शपथ लेने की चर्चा हो रही थी। बता दें कि यूपी विजयी पताका लहराने के बाद से ही योगी कैबिनेट के शपथ समारोह को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सबके अंदर इस बात को लेकर जिज्ञासा थी कि योगी कैबिनेट के अन्य सहयोगियों के साथ होली महापर्व से पहले या फिर उसके बाद शपथ लेंगे। अब बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ कैबिनट के साथ होली से पहले 15 मार्च को शपथ ले सकते हैं।
यूपी में CM योगी ने जो कहा वो हुआ सच, बीजेपी ने दशकों पुराने इन दो मिथकों को किया ध्वस्त
यूपी की सियासत से जुड़े दो मिथक हैं। पहला तो ये कि यहां 30 साल से किसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल नहीं की। दूसरा मिथक है कि जो भी सीएम नोएडा जाता है, वो कुर्सी गंवा देता है। ये दोनों ही मिथक बीजेपी की दोबारा यूपी में हुई जीत से टूट गए हैं। न सिर्फ लगातार दूसरी बार बीजेपी ने सत्ता हासिल की, बल्कि सीएम योगी एक दर्जन से ज्यादा बार नोएडा जाकर भी दोबारा सरकार बनवाने में सफल होते दिखे हैं। बाकायदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वो ऐसे मिथकों पर भरोसा नहीं करते और रुढ़ियों को तोड़ने में यकीन रखते हैं। आज उनका ये दावा सच साबित हो गया है। यूपी की राजनीति से जुड़े दो खास मिथक अर्से से लोगों के बीच चर्चा का केंद्र रहे हैं। पहला तो ये कि साल 1985 के बाद कोई पार्टी ऐसी नहीं रही, जिसने लगातार दो बार सरकार बनाई हो। ये भी खास बात है कि यूपी को 21 सीएम मिले। जिनमें कांग्रेस के 13 नेता शामिल हैं, लेकिन संयोग ऐसा भी रहा कि कांग्रेस ने अपने किसी नेता को मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल तक पूरा नहीं करने दिया। पांच साल अगर कांग्रेस ने सरकार चलाई, तो अपना सीएम बदलने का काम भी उसने किया। फिर भी यूपी से जुड़ा एक और मिथक सबसे अहम माना जाता है। ये मिथक गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा से संबंधित है।