नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) मंगलवार को भी जारी है।इसी के मद्देनजर किसानों ने विरोध में आज भारत बंद (Bharat Bandh) कर दिया है। वहीं किसानों के बंद को कांग्रेस समेत सभी बड़ी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार शाम 7 बजे किसान नेताओं को बैठक के लिए बुलाया है। इसकी जानकारी भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने दी है।
राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, ‘हमारी आज शाम सात बजे गृह मंत्री के साथ बैठक है। हम अभी सिंघु सीमा पर जा रहे हैं और वहां से हम गृह मंत्री से मुलाकात करने के लिए जाएंगे।’
आज शाम 7 बजे गृह मंत्री के साथ बैठक है। हम सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं और फिर वहां से गृह मंत्री की बैठक में जाएंगे: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmersProtest pic.twitter.com/fkOPumWr5g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 8, 2020
आपको बता दें कि इसके पहले हुई कई राउंड की बातचीत असफल रही है। शनिवार को हुई आखिरी मीटिंग कई घंटों तक चली थी, लेकिन फिर भी कोई रास्ता नहीं निकला था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर को फिर से मीटिंग बुलाई है।
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की। हरियाणा में किसानों के प्रदर्शन का व्यापक असर देखने को मिला है। इस बीच सरकार की ओर से लगातार कृषि कानून के फायदे गिनाए जा रहे हैं।
दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। https://t.co/7QE942VWX0 pic.twitter.com/yRbjo7xhOj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 8, 2020
वहीं दिल्ली में अखिल भारतीय वकील संघ ने भारत बंद के समर्थन में तीस हजारी जिला न्यायालय में विरोध प्रदर्शन किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, विरोध पर सरकार की प्रतिक्रिया चिंता का विषय है। कानूनी बिरादरी किसानों के साथ खड़ी है। ये कानून न तो किसानों के पक्ष में हैं और न ही वकीलों के।
Delhi: All India Lawyers’ Union protests at Tis Hazari District Court, in support of #BharatBandh
“Govt’s response to protest is a matter of concern. Legal fraternity stands with farmers. These laws are neither in favour of farmers nor of lawyers,” says Tiz Hazari Bar assn pres pic.twitter.com/REjFLNB66W
— ANI (@ANI) December 8, 2020