नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में जबसे योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार आई है, तबसे जनता और राज्य के हित के फैसले एक के बाद एक लिए जा रहे हैं। वहीं अब योगी सरकार सूबे में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। इसकी शुरुआत सरकार की तरफ से तभी कर दी गई थी जब सरकार के द्वारा जारी विज्ञप्ति को संस्कृत भाषा में जारी किया जाने लगा था। सरकार की संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास का असर यह हुआ है कि अब प्रदेश में इसको लेकर चलाई गई योगी सरकार की मुहिम अब रंग लाती दिख रही है। एक तरफ जहां आजकल हर किसी क्षेत्र में अंग्रेजी भाषा को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य में युवाओं में संस्कृत भाषा सीखने का उत्साह तेजी से बढ़ रहा है। बता दें कि योगी सरकार लगातार देव भाषा संस्कृत के प्रति रुचि पैदा करने और संस्कृत सीखने के इच्छुक लोगों को आगे आने का मौका दे रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान अहम रोल अदा कर रहा है।
8.5 हजार से अधिक छात्रों ने संस्कृत ऑनलाइन कक्षाओं के लिए रजिस्टर कराया
दरअसल UP संस्कृत संस्थानम् की तरफ से शुरू की गई संस्कृत संभाषण प्रशिक्षण के जरिए संस्कृत सीखने की मुहिम कारगर साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् की ओर से संस्कृत बोलने, पढ़ने और सीखने के इच्छुक लोगों के लिए संस्कृत संभाषण प्रशिक्षण की सुविधा शुरू की गई है। इसकी खास बात यह भी है कि यूपी में युवाओं में संस्कृत भाषा सीखने का शौक बढ़ता जा रहा है। महज एक महीने के भीतर 8 हजार से ज्यादा लोगों ने संस्कृत की वर्चुअल क्लास में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इससे पता चलता है कि योगी सरकार की इस मुहिम के बाद लोगों में संस्कृत भाषा पढ़ने में रूचि काफी तेजी से बढ़ रही है।
इस भाषा के प्रशिक्षण के लिए शुरू की गई व्यवस्था में पंजीकरण के लिए अभ्यर्थियों का बस एक गूगल फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म के माध्यम से उनको अपने व्यवसाय, नौकरी और पढ़ाई की जानकारी देनी होगी। इसके बाद व्यवसाय के अनुरूप ग्रुप वार इसमें संस्कृत की पढ़ाई कराई जाएगी। खास बात ये है कि छात्र व संस्कृत सीखने के इच्छुक लोग मोबाइल फोन नंबर 9522340003 पर एक मिस कॉल अलर्ट के जरिए वर्चुअल कक्षा में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
इस सुविधा से संस्थान को काफी फायदा भी मिला है। बड़ी संख्या में युवा और छात्रों ने मिस कॉल के जरिए अपना रजिस्ट्रेशन वर्चुअल कक्षाओं के लिए कराया है। इसमें जुलाई महीने में 8533 छात्रों और संस्कृत सीखने के इच्छुक लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है और साथ ही नियमित कक्षाएं भी चल रही हैं।
यूपी संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष वाचस्पति मिश्रा के अनुसार, ऐसे बहुत से लोग हैं जो संस्कृत भाषा सीखना चाहते हैं, खासकर पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर और व्यवसायी लोग शामिल है।
संस्थान ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्चुअल माध्यम से संस्कृत सीखने के इच्छुक लोगों के लिए 47 कक्षाओं का संचालन किया गया है। जिसमें शिक्षक ऑनलाइन संस्कृत की पाठशाला लगा रहे हैं। संस्थान ने बताया कि शिक्षक रोजाना 1 घंटे की वर्चुअल कक्षाएं ले रहे हैं, जो पूरी तरह से निःशुल्क है।