लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने प्रदेश के छोर पर बसे गोरखपुर के विकास को लेकर अपने खजाने खोल दिए हैं। बता दें कि यूपी कैबिनेट से गोरखपुर के विकास को लेकर महत्वपूर्ण प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं। इतना ही नहीं गोरखपुर शहर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना (एलआरटी) के डीपीआर तथा शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी घोषित करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें कि बहुत जल्द इन विकास कार्यों को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाएंगे। केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही गोरखपुर में मेट्रो संबंधी निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। परियोजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गोरखपुर में प्रस्तावित हुए रेल ट्रांजिट परियोजना की लागत में 4672 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। दरअसल सीएम योगी जब मुख्यमंत्री बने थे तभी गोरखपुर में मेट्रो रेल सर्वे करने के निर्देश दे दिए थे। माना जा रहा है कि गोरखपुर में मेट्रो रेल का संचालन सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। अब इस दिशा में तेजी के साथ कार्य हो रहा है। सर्वे के बाद डीपीआर तैयार किया गया, जिसे मंजूरी दी गई है।
बता दें कि रेल ट्रांजिट परियोजना में दो कॉरीडोर प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें पहला कॉरीडोर श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक बनेगा। इसकी लंबाई 15.14 किमी. होगी। वहीं इस कॉरीडोर में 14 स्टेशन होंगे। वहीं दूसरा कॉरीडोर बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ चौराहे तक बनेगा और इसकी लंबाई 12.70 किमी होगी। इस कॉरीडोर में 13 स्टेशन होंगे।
आपको बता दें कि इसके साथ ही कैबिनेट ने गोरखपुर शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी घोषित करने के प्रस्ताव तथा अल्टरनेटिव एंड एनालिसिस रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गई है। संभव है कि गोरखपुर को मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा मिल जाने के बाद शहर के विकास में और तेजी आएगी।