Hathras मामले में गिरफ्तार हुए PFI के चार लोगों के खिलाफ मथुरा के मांट थाने में दर्ज हुई FIR

Hathras Case: इस प्रकार की वेबसाइट(Website) युवाओं में राष्ट्र विरोधी भावनाओं को जागृत कर रहे हैं। इस वेबसाइट के माध्यम से कई प्रकार के राष्ट्र विरोधी दुष्प्रचार भारत(India) में किए जा रहे हैं।

Avatar Written by: October 7, 2020 12:17 pm

नई दिल्ली। हाथरस मामले को लेकर दंगा फैलाने की साजिश करने वालों को लेकर योगी सरकार अब सख्त नजर आ रही है। हाथरस मामले में जातीय दंगा कराने की साजिश को लेकर मथुरा पुलिस ने सोमवार रात को 4 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनका संबंध PFI से बताया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए इन चार लोगों के खिलाफ आज मथुरा के मांट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आपको बता दें कि FIR के आधार पर इन लोगों के पास गिरफ्तारी के वक्त अतीक उर रहमान, आलम सिद्दीक और मसूद के पास से 6 स्मार्टफोन एक लैपटॉप व जस्टिस वर्ग हाथरस नाम के पंपलेट पाए गए थे। एफआईआर में कहा गया है यह लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे। FIR में कहा गया है कि, मीडिया में आ रही खबरों में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ लोग सामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर सामाजिक विद्वेष एवं जातीय तनाव तथा देश के सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करते हुए हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की आड़ में दंगा भड़काने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।

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आपको बता दें कि एफआईआर में कहा गया है कि, हाथरस मामले का फायदा उठाकर कुछ लोग card.co नाम की वेबसाइट का संचालन कर रहे हैं, चंदा एकत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल दंगा करवाने के लिए इस्तेमाल होता। इस बेवसाइट से विदेशों से भी चंदा लिया जा रहा था। जिससे शांति व्यवस्था एवं सामाजिक समरसता को प्रभावित किया जाता। गौरतलब है कि एफआईआर में कहा गया है कि चंदे की धनराशि जिस माध्यम से प्राप्त की जा रही है उसकी कोई वैध प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है और यह धनराशि जब्त करने योग्य है।

कहा गया है कि उक्त वेबसाइट द्वारा विदेशों से प्राप्त चंदे का उपयोग समाज में हिंसा भड़काने के प्रयोग में किया जा रहा है। बरामद पंपलेट में Am I not India’s daughter, made with Carrd आदि लिखा गया है। जोकि सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाने वाले एवं जन विद्रोह भड़काने वाले हैं। इस वेबसाइट का उपयोग जातिगत हिंसा व दंगा भड़काने चंदा एकत्र करने एवं तथाकथित गैंगरेप की घटना की अफवाह फैलाने में किया जा रहा है।

इस वेबसाइट के जरिए संगठनों एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा भीड़ एकत्र करने, अफवाह फैलाने, चंदा एकत्र करने का कार्य, न्याय दिलाने की आड़ में किया जा रहा है। इस प्रकार की वेबसाइट युवाओं में राष्ट्र विरोधी भावनाओं को जागृत कर रहे हैं। इस वेबसाइट के माध्यम से कई प्रकार के राष्ट्र विरोधी दुष्प्रचार भारत में किए जा रहे हैं। जैसे मॉब लिंचिंग की घटना का दुष्प्रचार, हाल में मजदूरों का पलायन एवं कश्मीर में विघटनकारी तत्वों के समर्थन में व्यापक प्रचार इत्यादि प्रमुख हैं।

इस वेबसाइट के उद्देश्य को लेकर कहा गया है कि, इसका मूल उद्देश्य जातिगत विद्वेष को बढ़ावा देना एवं समाज में अस्थिरता पैदा करना तथा बड़े पैमाने पर दंगे फैलाए जाना पाया गया है। इस वेबसाइट के माध्यम से दंगे के दौरान अपनी पहचान छुपाने के, शांति व्यवस्था भंग करने के उपायों की जानकारी दी जाती है। इस प्रकार से carrd.co और justice for hathras वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य सामाजिक विद्वेष, जातिगत हिंसा में बढ़ावा देने के लिए किए जाना पाया जा रहा है। यह कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए तथा 295a की परिधि में अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।

FIR में कहा गया है कि, इन वेबसाइट को संचालित करने वाले लोगों का कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 124 ए के अंतर्गत विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा पैदा करने वाला है, जो राजद्रोह की परिधि में आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। इसमें UAPA की धारा 17 व 18 का अपराध भी सृजित हो रहा है और IT Act की धारा 6572 एवं 75 का अपराध किया गया है। आपको बता दें कि यूपी पुलिस दोनों वेबसाइट्स की जांच उक्त वेबसाइट, प्लेटफार्म किसके द्वारा, किस उद्देश्य से बनाया गया है, इन बिंदुओं पर करेगी। बताया गया है कि, अब तक इस वेबसाइट से कितनी धनराशि एकत्र की गई है। जो धनराशि एकत्र की गई है, उसे कहां इस्तेमाल किया गया है किन लाभार्थियों के खाते में भेजा गया है।