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UP: अवैध मदरसों पर योगी सरकार ने चलाया डंडा, करना होगा बंद या देना होगा हर रोज 10000 रुपए जुर्माना

UP: प्रशासन द्वारा विशेष समुदाय को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के मकसद से भेजे गए हैं, जिनका कोई औचित्य नहीं बनता है। हालांकि, अभी तक इस पूरे मसले पर किसी की भी सियासी दल की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में किसकी क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।

नई दिल्ली। योगी सरकार अब प्रदेश में फेक डॉक्यूमेंट के आधार पर संचालित हो रहे मदरसों पर गाज गिराने की तैयारी में जुट चुकी है। बीते दिनों इसी दिशा में एसआईटी का गठन किया गया था। जिसके बाद जांच में सामने आया कि मुजफ्फरनगर में एक या दो नहीं, बल्कि अनेकों मदरसें अवैध दस्तावेजों के आधार पर संचालित हो रहे हैं। अपर्याप्त दस्तावेज व बिना मान्यता के मदरसे संचालित किए जा रहे हैं। मुजफ्फरनगर में अब तक 100 ऐसे मदरसों को चिन्हित किया जा चुका है, जो कि बिना प्रमाणपत्र के संचालित हो रहे हैं, जिनमें से अब तक 12 को नोटिस भेजा जा चुका है। वहीं, फर्जी परिपत्रों के आधार पर संचालित हो रहे मदरसों को बंद करने का आदेश दिया जा चुका है। उधर, इन मदरसों को बंद नहीं करने की स्थिति में 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया गया। बता दें कि सरकार के इस कदम के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो चुकी है।

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वहीं, मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे मदरसों को नोटिस भेजा जा चुका है। यही नहीं, मुजफ्फरनगर अल्पसंख्यक विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि जनपद में कई मदरसे अभी बिना परिपत्रों के संचालित हो रहे हैं। इन सभी अब गाज गिराने की तैयारी हो चुकी है। उधर, यूपी मदरसा बोर्ड इफ्तिखार अहमद ने कहा कि शिक्षा विभाग सहित किसी भी विभाग को मदरसे के आंतरिक गतिविधियों दखंलदाजी करने का हक नहीं है, सिर्फ अल्पसंख्यक विभाग को छोड़कर। उन्होंने आगे कहा कि मदरसा स्कूल से अलग होते हैं।

स्कूल संचालन के लिए अलग नियम निर्धारित किए गए हैं, जबकि मदरसों के लिए अलग। उधर, यूपी जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख कारी जाकिर हुसैन ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा गैर-कानूनी तरीके से मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है। प्रशासन द्वारा विशेष समुदाय को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के मकसद से भेजे गए हैं, जिनका कोई औचित्य नहीं बनता है। हालांकि, अभी तक इस पूरे मसले पर किसी की भी सियासी दल की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में किसकी क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।