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UP: यूपी को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए 9 स्ट्रैटेजी पर काम कर रही योगी सरकार

Uttar Pradesh: सीएम योगी एमएसएमई को काफी प्रोत्साहित करते रहे हैं। उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई संभावनाओं भरा सेक्टर है। तीसरी स्ट्रैटेजी में एमएसएमई की इन्हीं संभावनाओं का लाभ उठाने को रेखांकित किया गया है। इसके तहत प्रदेश में इंडस्ट्रियल पार्क्स विकसित करने, प्लेज पार्क विकसित करने के साथ ही ओडीओपी और एक्सपोर्ट सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ मजबूती से कदम आगे बढ़ा रहे हैं। लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार स्ट्रैटेजी के तहत काम कर रही है और 9 कोर इश्यूज के माध्यम से आगे बढ़ने की कार्ययोजना बनाई गई है। इन कोर इश्यूज में कृषि के साथ इमर्जिंग सेक्टर, रैपिड अर्बनाइजेशन और इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर समेत कई अहम मुद्दे शामिल हैं। इनमें तेजी से विकास करके योगी सरकार की मंशा उत्तर प्रदेश को सिर्फ प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के लिए सर्वोत्तम प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों के साथ मुख्य सचिव की बैठक में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई। इस बैठक में प्रतिनिधियों को स्ट्रैटेजी के साथ ही भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही इन 9 कोर इश्यूज पर भी सरकार की कार्ययोजना से अवगत कराया गया।

CM Yogi Adityanath

कृषि टेक्नोलॉजी के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कंसल्टेंट के रूप में कार्य कर रहे डेलॉयट इंडिया ने वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुतिकरण में विभिन्न स्ट्रैटेजीज की जानकारी दी। इसके तहत पहली स्ट्रैटेजी उत्तर प्रदेश को देश के फूड बास्केट के रूप में स्थापित करने की होगी। तय स्ट्रैटेजी के अनुसार एक सुपर एप विकसित की जाएगी, जबकि कृषि टेक्नोलॉजी पर आधारित स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही डेयरी एफपीओज को प्रोत्साहित किया जाएगा, तो इकोनॉमिकली सस्टेनेबल गौशाला मॉडल को अपनाया जाएगा। यही नहीं, पॉल्ट्री प्रोडक्शन क्लस्टर की भी स्थापना की जाएगी। दूसरी स्ट्रैटेजी के तहत योगी सरकार उत्तर प्रदेश में वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। बीते 6 वर्ष में इस दिशा में लगातार प्रयास भी किया जा रहा है। स्ट्रैटेजी के अनुसार प्रदेश में 4 स्पेशल इनवेस्टमेंट रीजंस डेवलप किए जाएंगे, जीआईएस आधारित लैंड बैंक, लॉजिस्टिक हब, अंतिम छोर तक मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही ड्राई पोर्ट्स और रॉ मैटेरियल बैंक्स पर भी फोकस किया जाएगा।

एमएसएमई और एमर्जिंग टेक्नोलॉजी से पूरा होगा लक्ष्य

सीएम योगी एमएसएमई को काफी प्रोत्साहित करते रहे हैं। उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई संभावनाओं भरा सेक्टर है। तीसरी स्ट्रैटेजी में एमएसएमई की इन्हीं संभावनाओं का लाभ उठाने को रेखांकित किया गया है। इसके तहत प्रदेश में इंडस्ट्रियल पार्क्स विकसित करने, प्लेज पार्क विकसित करने के साथ ही ओडीओपी और एक्सपोर्ट सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। साथ ही, ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भी इनको प्रोत्साहित किया जाएगा। चौथी स्ट्रैटेजी में सनराइज सेक्टर पर फोकस करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत सेमीकंडक्टर/चिप्स, एयरोस्पेस एंड डिफेंस, ग्रीन एनर्जी, क्लीन मोबिलिटी और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी एमर्जिंग फील्ड को प्रोत्साहित किया जाएगा, जहां स्टार्टअप्स के साथ रोजगार और स्वरोजगार दोनों के अवसर हैं।

टेक्नोलॉजी के आधार पर विकसित होंगे शहर, पर्यटन पर भी खास ध्यान

पांचवीं स्ट्रैटेजी एमर्जिंग टेक क्लस्टर्स को लेकर है। इसमें अलग-अलग जिलों को अलग-अलग टेक्नोलॉजी के स्कोप के साथ विकसित किया जाएगा। इसके तहत लखनऊ को एआई सिटी, कानपुर को ड्रोन्स एंड रोबोटिक्स, प्रयागराज/वाराणसी को इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट हॉटस्पॉट्स, जबकि गौतमबुद्धनगर को एमर्जिंग टेक और डाटा सेंटर हब के रूप में विकसित किया जाना है। पर्यटन को लेकर भी योगी सरकार आश्वस्त है। अट्रैक्टिव टूरिस्ट्स डेस्टिनेशंस को छठी स्ट्रैटेजी के रूप में चिह्नित किया गया है। इसके अंतर्गत स्पेशल टूरिज्म इनवेस्टमेंट रीजंस को पहचानकर उनका विकास किया जाएगा। साथ ही अन्य टूरिस्ट्स डेस्टिनेशन व स्पिरिचुअल टूरिज्म पर भी फोकस किया जाएगा। इसके अतिरिक्त टूरिस्ट्स असेट्स और रूट्स के डिजिटाइजेशन पर भी फोकस रहेगा।

रैपिड अर्बनाइजेशन के साथ सोलर पार्क्स की अवधारणा

सातवीं स्ट्रैटेजी के तहत शहरीकरण की प्रक्रिया को तेजी से शुरू किया जाएगा। शहरों का सुंदरीकरण और विकास ऐसा होगा, जिसकी कल्पना की जाती रही हो। इसके अलावा 100 टाउनशिप बनाई जाएंगी तो पानी, कचरा और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि की जाएगी। म्यूनिसिपल परफॉर्मेंस अवॉर्ड्स और मोबिलिटी प्लानिंग को भी प्रमुखता से शुरू किया जाएगा। क्लीन और क्वालिटी पावर को भी स्ट्रैटेजी का पार्ट बनाया गया है। इसके तहत डिस्ट्रिब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न किए जाने के साथ ही 4 गीगावाट ग्रीन एनर्जी ट्रांसमिशन कॉरिडोर और इंडस्ट्रीज के लिए सोलर पार्क्स की अवधारणा रखी गई है। शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लिहाज से महत्वपूर्ण मानते हुए यूपी को भारत का शैक्षिक हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत यूपी में 5 एजुकेशन टाउनशिप के विकास के साथ मिशन मोड में स्किल हब की स्थापना का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा 5000 से अधिक मॉडल स्कूल बनाए जाने की भी बात कही गई है।