नई दिल्ली। किसी न किसी मसले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में मसरूफ रहने वाले वामपंथी विचारधारा के उपासक और अब कांग्रेस की डूबती नैया की सवारी करने में मशगूल हो चुके कन्हैया कुमार को उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करना महंगा पड़ गया। बता दें कि राजधानी लखनऊ में कांग्रेस के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के दौरान कन्हैया ऊपर स्याही फेंक दी गई। बात अगर स्याही फेंकने तक ही सीमित रहती तो शायद यह मसला उतना सुर्खियों में नहीं रहता जितना की वर्तमान में है। दरअसल, उनके ऊपर स्याही फेंकने के साथ ही उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। हालांकि, कन्हैया के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे तो कई मौकों पर लगाए गए हैं, लेकिन उनके ऊपर स्याही फेंकने का मामला पहली मर्तबा सामने आया है। आइए, आगे की रिपोर्ट में आपको कन्हैया फेंकने के बाद सामने आई कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाओं से रूबरू कराए चलते हैं।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
कन्हैया के ऊपर स्याही फेंकने के मामले पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उन पर स्याही नहीं फेंकी गई है, बल्कि उनके ऊपर एसिड फेंककर उन्हें चोटिल करने का प्रयास किया गया है। प्रत्यक्षदर्थियों की मानें तो मौके पर कुछ ऐसे लोग बैठे हुए थे, जिन्होंने कन्हैया पर स्याही फेंकने की वादरात को अंजाम दिया। खबरों की मानें तो कन्हैया के ऊपर तीन चार स्याही की बूंदें भी पड़ गई थी। बता दें कि इस पूरे वाकये का वीडियो भी अभी सोशल मीडिया की दुनिया में काफी तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।
#Lucknow स्थित कांग्रेस दफ़्तर पर कन्हैया कुमार पर स्याही फेंकने की कोशिश की गई, आरोपी के बारे में फ़िलहाल कोई जानकारी नही है pic.twitter.com/WsV9PK0We6
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) February 1, 2022
चुनाव प्रचार में मशगूल हैं कन्हैया
बता दें कि बेशुमार दुश्वारियों से जूझ रही कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगाने की जिम्मेदारी अपने कांधे पर उठा चुके कन्हैया आज कल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में मसरूफ हैं। जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। आम जनता को रिझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वादे –प्रतिवादे कर रहे हैं कि अगर सूबे में कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रदेश की तस्वीर बदलकर रख देंगे। कन्हैया का कहना है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश का बेड़ागर्क हो चुका है। ऐसी स्थिति में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अगर सूबे की सत्ता पर काबिज होने में सफल रही तो हालात बदल कर रख देंगे।
अहम है उत्तर प्रदेश का चुनाव
ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव कई मौर्चों पर अहम है। आगामी 10 फरवरी से सूबे में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और नतीजों की घोषणा 10 मार्च को होने जा रही है। लिहाजा मौजूदा वक्त में सभी सियासी सूरमा सूबे की जनता को रिझाने की दिशा में भरसक प्रयास करते हुए नजर आ रहे हैं। अब आने वाले दिनों में इनकी कोशिश कहां तक सफल हो पाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो कन्हैया के ऊपर स्याही फेंकने का ताजा प्रकरण खासा सुर्खियां बटोर रहा है। हालांकि, कन्हैया इकलौते ऐसे सियासी नुमाइंदे नहीं रहे जिनके ऊपर स्याही फेंके जाने का मामला सामने आया है, बल्कि इससे पहले कई ऐसी सियासी सूरमा रहे हैं, जो सियासी फेंके जाने के कृत्य का शिकार हो चुके हैं। बहुधा किसी भी सियासी सूरमा या प्रतिष्ठित व्यक्ति के ऊपर अपने रोष को प्रकट करने के लिए स्याही फेंकने जैसे कृत्य का इस्तेमाल किया जाता है।