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बिजी लाइफस्टाइल के कारण पति-पत्नी के बीच बढ़ती हैं दूरियों, इन बातों का रखना होगा ख्याल

आजकल व्यस्त भरी जिंदगी में पति-पत्नी एक दूसरे के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं। दोनों का वक्त बस दफ्तर की जि़म्मेदारियां पूरी करने में निकल जाता है या फिर मेहमानों की आवभगत में और ऐसे में एक-दूसरे के लिए वक्त न निकाल पाना कामकाजी पति-पत्नी के बीच हमेशा एक बड़ी समस्या रही है।

आजकल व्यस्त भरी जिंदगी में पति-पत्नी एक दूसरे के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं। दोनों का वक्त बस दफ्तर की जि़म्मेदारियां पूरी करने में निकल जाता है या फिर मेहमानों की आवभगत में और ऐसे में एक-दूसरे के लिए वक्त न निकाल पाना कामकाजी पति-पत्नी के बीच हमेशा एक बड़ी समस्या रही है।

लेकिन पिछले कुछ समय से दफ्तरों में काम के घंटे बढऩे और ई-मेल, वॉट्स एप की सुविधा ने समस्या को गंभीर बना दिया है। ऐसे में जरुरत है कि पति-पत्नी हर महीने के दो संडे वी टाइम के रूप में प्लॉन करें और देश-दुनिया को भुलाकर एक-दूसरे के साथ को एंजॉय करें

दोहराएं बातें और मुलाकातें

घर के किसी एक कोने को सुकून का कोना बनाएं। सुबह-शाम वहां बैठ कर चाय पीएं। कुछ अपनी कहें, कुछ उनकी सुनें। एक-दूसरे को जी भर निहारें और साथी के कंधे पर सिर रखकर एक-दूसरे में खो जाएं। कभी शादी की एलबम तो कभी हनीमून के फोटोग्राफ्स में एक-दूसरे को तलाशें।

फोटोग्राफी करें

फुर्सत के पलों में शिकायतों की पोटली खोलने के बजाय एक-दूसरे के मूड को कैमरे में कैद करें। कभी रसोई में काम करते तो कभी कुछ पढ़ते हुए पार्टनर की फोटो खींचें। चाहें तो बीच-बीच में पार्टनर के साथ सेल्फी खीचें।साथ बनाएं, साथ खाएं। दिल की मंजि़ल पेट के रास्ते होकर जाती है, यह बात आपने सुनी ही होगी। तो एक-दूसरे का दिल जीतने के लिए दोनों साथ मिलकर खाना बनाएं और खाएं। कोई एक सब्ज़ी  काटने तो कोई सब्ज़ी छौंकने की जि़म्मेदारी ले। पति डाइनिंग टेबल अरेंज करने की जि़म्मेदारी ले रहे हों, तो पत्नी खाना खाने के बाद झूठे बर्तन सिंक में रखने का जि़म्मा ले लें।

वॉक-टॉक

अगर रोज़ एक साथ वॉक पर जाना संभव नहीं होता तो छुट्टी वाले दिन साथ-साथ वॉक पर जाएं। एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर सैर करते-करते हफ्ते भर के किस्से सुनाएं। बीच-बीच में कोई मज़ेदार जोक सुनाएं और खूब हंसे-हंसाएं। साथ-साथ घूमने और हंसने-हंसाने से तन-मन में नई ऊर्जा समाएगी।

मस्ती भरी हो शाम

मौज-मस्ती के बिना वी टाइम का आनंद अधूरा ही रह जाएगा। तो शाम ढलते-ढलते माहौल में मस्ती के रंग घोलने की तैयारी में जुट जाएं। मनपसंद गाने एक-दूसरे को सुनाएं। कोई गेम खलें। यू-ट्यूब पर शेरो-शायरी सुनें। ऑनलाइन वीडियोज़ या अच्छी-सी फिल्म देखें। बचपन में लौटने का मन हो तो पार्टनर को साइकिल पर आसपास घुमाकर लाएं। पार्क में साथ-साथ झूला झूलें, आइसक्रीम खाएं। इच्छा हो तो लॉन्ग ड्राइव पर जाएं, फेवरिट रेस्तरां में डिनर प्लैन करें। मस्तीभरी एक शाम पूरे हफ्ते के लिए ऊर्जा देगी।