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फ्लैट देने में देरी हुई तो बिल्डर्स सालाना 6% ब्याज होम बायर्स को देगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अगर बिल्डर वक्त पर फ्लैट की डिलीवरी नहीं कर पाते हैं तो उन्हें फ्लैट की कॉस्ट पर हर साल बायर्स को इंटरेस्ट पेमेंट करना होगा।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अगर बिल्डर वक्त पर फ्लैट की डिलीवरी नहीं कर पाते हैं तो उन्हें फ्लैट की कॉस्ट पर हर साल बायर्स को इंटरेस्ट पेमेंट करना होगा। अभी तक फ्लैट की डिलीवरी में देर होने पर बिल्डर्स फ्लैट के साइज के हिसाब से मामूली रकम पेनाल्टी के तौर पर देता था।

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justices DY Chandrachud) और केएम जोसेफ (KM Joseph) की एक बेंच ने डीएलएफ सदर्न होम्स प्राइवेट लिमिटेड (DLF Southern Homes Pvt Ltd) और एनाबेल बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (Annabel Builders & Developers Pvt Ltd) को हर साल बायर्स को फ्लैट की कॉस्ट पर 6 फीसदी इंटरेस्ट देने को कहा है। ये दोनों बिल्डर्स बेंगलुरु में फ्लैट बना रहे हैं।बेंच ने कहा कि जिन बायर्स की फ्लैट डिलीवरी में 2 से 4 साल की देरी हो चुकी है बिल्डर्स उन्हें इंटरेस्ट देंगे। Southern Homes Pvt Ltd को अब BEGUR OMR Homes Pvt Ltd के नाम से जानते हैं।

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NCDRC का आदेश रद्द- सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग (NCDRC) के दो जुलाई 2019 के उस आदेश को भी रद्द कर दिया जिसमें 339 फ्लैट खरीददारों की शिकायत खरिज करते हुए कहा कि वे विलंब या वादे के अनुरूप सुविधाएं नहीं मिलने की स्थिति में फ्लैट खरीद समझौतों में निर्धारित की गई राशि से अधिक मुआवजे के हकदार नहीं हैं।

बेंच ने कहा कि फ्लैट डिलीवरी में देरी होने पर 5 रुपए प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से बिल्डर पहले की तरह पेनाल्टी देंगे। इसके साथ ही बिल्डर्स को अब फ्लैट की कॉस्ट पर सालाना 6 फीसदी का इंटरेस्ट भी होम बायर्स को चुकाना होगा। बेंच ने कहा कि शुरुआत में बिल्डर्स को सालाना 6 फीसदी इंटरेस्ट देना होगा। लेकिन फ्लैट पजेशन में 36 महीनों से ज्यादा की देरी होती है तो पजेशन तक कंपाउंड इंटरेस्ट के हिसाब से पेनाल्टी देनी होगी।