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Tokyo Paralympics: कश्मीर के अरहान बगाती के नाम दर्ज हुआ रिकॉर्ड, महज 22 साल में बने डिप्टी शेफ डी मिशन

Tokyo Paralympics: अरहान यूं ही पैरालिंपिक खिलाड़ियों से नहीं जुड़े हैं। खेलों और खासकर एथलेटिक्स में उनकी गहरी रुचि है। वह मशहूर धावक स्वर्गीय मिल्खा सिंह के फैन हैं। दिल्ली में वह जब मिल्खा सिंह से मिले थे, तो पैरालिंपिक जाने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों के बारे में उन्होंने ही अरहान को जानकारी दी थी। तभी से अरहान ने तय किया कि वह पैरा एथलीट्स के लिए काम करेंगे।

टोक्यो। जम्मू-कश्मीर की पहचान कभी आतंकवाद की वजह से होती थी। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद अब यहां से आतंकवाद की पहचान खत्म हो गई है। यहां अब युवा नए-नए रोल निभा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अरहान बगाती। अरहान के नाम नया रिकॉर्ड बन गया है। वह 22 साल की उम्र में टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में गए भारतीय खिलाड़ियों के दल के डिप्टी चीफ की भूमिका में हैं। बुधवार को अरहान खिलाड़ियों के पहले दल के साथ टोक्यो पहुंचे। यहां 24 अगस्त से पैरालिंपिक होने हैं। भारत ने इन खेलों में 54 खिलाड़ियों को भेजा है और बतौर डिप्टी हेड अरहान इन सभी की देखभाल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अरहान बगाती कश्मीरी पंडित हैं। वह साल 2015 से ही पैरालिंपिक खेलों के गुडविल अम्बेसडर हैं। साल 2015 में अरहान ने ‘इन रियो’ ऐप बनाया था। इस ऐप से 2016 के रियो पैरालिंपिक गेम्स में गए खिलाड़ियों को तैयारी, भोजन और फिटनेस के बारे में टिप्स मिले थे। इसके बाद अरहान ने टोक्यो पैरालिंपिक गेम्स में जाने वाले खिलाड़ियों के लिए भी एक ऐप ‘आईएनडी टोक्यो’ बनाया। इसके जरिए खिलाड़ियों को डाइट, न्यूट्रीशन, टोक्यो के पर्यटन स्थलों की जानकारी और इमरजेंसी में संपर्क करने की सुविधा मिली।

Arhan Bagati

अरहान यूं ही पैरालिंपिक खिलाड़ियों से नहीं जुड़े हैं। खेलों और खासकर एथलेटिक्स में उनकी गहरी रुचि है। वह मशहूर धावक स्वर्गीय मिल्खा सिंह के फैन हैं। दिल्ली में वह जब मिल्खा सिंह से मिले थे, तो पैरालिंपिक जाने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों के बारे में उन्होंने ही अरहान को जानकारी दी थी। तभी से अरहान ने तय किया कि वह पैरा एथलीट्स के लिए काम करेंगे। इसके बाद उन्होंने ऐसे खिलाड़ियों से संपर्क और उनकी मदद करने का काम शुरू किया। बगाती ने 2016 के रियो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले मरियप्पा थंगावेलु और ब्रॉन्ज जीतने वाले वरुण सिंह भाटी को अपनी पॉकेट मनी से स्पॉन्सर भी किया था।

Arhan Bagati

अरहान का कहना है कि इस बार भारतीय दल कम से कम 15 मेडल लाना चाहता है। वह खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की बहुत तारीफ भी करते हैं। अरहान अपनी पढ़ाई के लिए अमेरिका में रहे। अब वह जम्मू-कश्मीर लौटकर रिसर्च के काम को आगे बढ़ाने के लिए ‘क्यारी’ नाम से प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत जम्मू-कश्मीर के सामाजिक ढांचे और मुद्दों पर रिसर्च कराने का अरहान का इरादा है।