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‘Dhoni ने बहुत मारा, छक्के मार-मार कर बेहाल कर दिया’: पाक के पूर्व कप्तान मिस्बाह ने सुनाया एक मैच का हाल (VIDEO)

यह  किस्सा साल 2004 का है…जब तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा मैदान गूंज रहा था…चौतरफा धोनी–धोनी की प्रतिध्वनियां सुनाई दे रही थी..सभी की निगाहों से लेकर उम्मीदें धोनी पर टिकी हुई थी.. इस उत्साहजनक मंजर के बीच धोनी ने जब मैदान में एंट्री मारी, तो उस वक्त वो क्या महसूस कर रहे थे, वो तो उनसे बेहतर और कोई नहीं जानता है।

नई दिल्ली। साहब…वो महेंद्र सिंह धोनी  हैं…कोई ऐसे ही नहीं बन जाता धोनी…क्या कभी सोचा आपने की धोनी होने का मतलब क्या होता है। आखिर क्या होता है माही होने का मतलब है। अगर आपको नहीं पता माही होने का मतलब, तो याद करिए 2011 का वर्ल्ड कप मैच, जिसमें भारत ने श्रीलंका की मात देकर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। अगर आपको नहीं पता माही होने का मलतब, तो याद करिए 2004 का वो किस्सा, जब माही ने केन्या और पाकिस्तान की गेंदबाजों की बखियां उधड़े कर रख दी थी। अगर आपको नहीं पता माही होने का मतलब, तो याद करिए उन बेशुमार मौकों को, जब माही ने अपने अपने दमदार नेतृत्व के दम पर हार के दहलीज पर पहुंच चुके मैचों में इंडिया को जीत दिलवाई थी। अगर आपको नहीं पता धोनी होने का मतलब, तो याद करिए उन तमाम मौकों को जब धोनी ने हर भारतीय प्रशंसकों के उम्मीदों को टूटने से बचाया था, लेकिन क्या आपका पता है कि इसी महेंद्र सिंह धोनी की लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब कुछ ओछी मानसिकता के लोगों ने इन्हें भी बेआबरू करने की जहमत उठाई थी, लेकिन माही ने ऐसे सभी लोगों को साल 2004 में केन्या और पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में माही ने अपने विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए पूरी दुनिया को यह बता दिया था  कि उनके अंदर खेल के मैदान में हर विषम परिस्थितियों का सामना करने की कुव्वत है।

dhoni

याद करिए वो किस्सा जब…!

यह  किस्सा साल 2004 का है…जब तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा मैदान गूंज रहा था…चौतरफा धोनी–धोनी की प्रतिध्वनियां सुनाई दे रही थी..सभी की निगाहों से लेकर उम्मीदें धोनी पर टिकी हुई थी.. इस उत्साहजनक मंजर के बीच धोनी ने जब मैदान में एंट्री मारी, तो उस वक्त वो क्या महसूस कर रहे थे, वो तो उनसे बेहतर और कोई नहीं जानता है। उस वक्त इंडियन टीम को पाकिस्तान और केन्या के खिलाफ खेलना था और दोनों ही टीमों के गेंदबाजों की जो पिटाई मोही ने अपने बल्ले से लगाई थी, उसने न महज भारतीय प्रशंसकों को बल्कि पूरी दुनिया के प्रशंसकों को इस बात का एहसास दिया था कि वे किसी से कम नहीं हैं। शायद ही ऐसी कोई गेंद रही हो जो माही के बल्ले से टकराकर मैदान के पार न पहुंची हो। इस सेंचुरी में माही ने 362 रन मारे थे। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए किसी भी सीरिज के लिहाज से विस्फोटक स्कोर माना जाता है।

CSK dhoni

जैसा कि हमने आपको बताया कि भारत ने यह मैच पाकिस्तान के खिलाफ भी खेला था, तो उस वक्त उस टीम में मिसबाहा भी थे, जो आगे चलकर अपनी टीम के कैप्टन भी बनें। मिसबाहा ने इन दोनों ही मैच में खुद अपनी आंखों से धोनी की बल्लेबाजी देखी थी, जिसे देखने के बाद उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार करते हुए कहा था कि धोनी एक खतरनाक खिलाड़ी है। उनकी अंदर किसी भी परिस्थितियों  से सहजता से निपटने की क्षमता है।

मिसाबाहा ने धोनी का जिक्र कर कहा कि उन्होंने राव को कहा, ‘किससे पिटाई खाते रहे हो। किससे तुमने 150-150 रन खा लिए। उस टाइम धोनी के बाल भी जरा लंबे थे। अगले मैच में धोनी नंबर तीन पर आया और मार-मार के 150 (148) कर दिए। मैंने फिर वूल्मर से कहा, एंज मारया सी एने साणू यानी यूं इसने हमारी पिटाई की थी।’ अब एक तकरीबन एक दशक के बाद फिर से धोनी की इस शानदारी पारी की चर्चा अपने चरम पर पहुंच चुकी है।  लोग एक बार उनसे मैदान में मारे गए उनके शानदार परफोर्मेंस के बारे में चर्चा कर रहे हैं।