नई दिल्ली। भारतीय प्रशंसकों का दिल टूट गया। दरअसल, अपनी महारत के दम पर फाइनल में पहुंचे प्रज्ञाननंद बाजी हार गए। वहीं, मैग्नस कार्लसन ने चेस वर्ल्ड कप का खिताब जीत के साथ अपने नाम किया। हालांकि, इससे पहले हुए दो मैच विशेष परिस्थितियों में ड्रॉ कर दिए गए थे। प्रज्ञाननंद का विश्व विजेता बनने का ख्वाब मैग्नस कार्लसन ने ध्वस्त कर दिया। यह मुकाबला दुनिया के नंबर 23 और नंबर एक खिलाड़ी के बीच था जिस पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई थीं। ट्रार ब्रोकर के दौरान में प्रज्ञाननंद को 40 चाल के बाद हार का मुंह देखना पड़ा है। मुकाबला काफी ही रोमांचक रहा। कई बार दोनों ही खिलाड़ियों के बीच ऐसी परिस्थितियां पैदा हो रही थीं कि देखने वाले दर्शकों की भी सांसें अटक जा रही थीं, लेकिन बाद में कार्लसन ने ऐसी चाल चली कि प्रज्ञाननंद की सारी चाल धरी की धरी रह गई।
International Chess Federation (FIDE) tweets, “Praggnanandhaa is the runner-up of the 2023 FIDE World Cup! Congratulations to the 18-year-old Indian prodigy on an impressive tournament! On his way to the final, Praggnanandhaa beat, among others, world #2 Hikaru Nakamura and #3… pic.twitter.com/g9Ky5VUdA4
— ANI (@ANI) August 24, 2023
मैच के बीच एक दौर ऐसा भी आया, जब प्रज्ञाननंद के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। दरअसल, दूसरे राउंड में प्रज्ञाननंद कार्लसन को पार नहीं कर पा रहे थे। कार्लसन ने ऐसी चाल चली जिसमें प्रज्ञाननंद उलझ के रह गए। उन्हें समझ नहीं आया कि आखिर इससे बाहर कैसे निकला जाए। अंत में विषम परिस्थितियों का दट कर सामना करने के बावजूद भी प्रज्ञाननंद को उपविजेता बनकर ही संतुष्ट करना पड़ा। बता दें कि 32 वर्षीय कार्लसन ने पहली बार यह खिताब अपने नाम किया है। यह उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसे प्राप्त करके वे बेहद खुश हैं।
वहीं, इस बात को खारिज करना मुनासिब नहीं रहेगा कि प्रज्ञाननंद की एक-एक चाल शानदार रही। उन्होंने अपने चाल के दम पर कार्लसन को पहले चाल में लाकर 35 चाल में लाकर मजबूर कर दिया। इसके बाद 30 चाल के बाद मुकाबला बराबरी में आकर खत्म हो गया। वहीं, फीडे वर्ल्ड कप में पहुंचने वाले वे तीसरे युवा खिलाड़ी हैं।