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Olympic countdown: भारतीय हॉकी टीम पदक जीतने की प्रबल दावेदार

Tokyo Olympics: भारत ने आखिरी बार 1980 ओलंपिक में स्पेन को 4-3 से हराकर हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद से ही भारतीय हॉकी टीम उम्मीदों पर नहीं उतर पाई है और उसे हार तथा निराशा मिली है। टीम से उम्मीदें तब भी रहती थी जब टीम रैंकिंग में फिसल गई थी और उसे बड़े टूर्नामेंटों में अच्छे नतीजे नहीं मिल रहे थे। इसके बाद टीम 2008 बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में भी नाकाम रही थी।

मुंबई। भारतीय पुरुष हॉकी टीम हर बार की तरह इस बार भी ओलंपिक में पदक जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। टीम के हाल के प्रदर्शनों को देखते हुए इस बार इसकी संभावना ज्यादा है कि टीम टोक्यो ओलंपिक में अपना लोहा मनवाने में कामयाब रहेगी। आठ बार की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 1960 में रजत और 1968 तथा 1972 में कांस्य पदक जीते थे। भारत ने आखिरी बार 1980 ओलंपिक में स्पेन को 4-3 से हराकर हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद से ही भारतीय हॉकी टीम उम्मीदों पर नहीं उतर पाई है और उसे हार तथा निराशा मिली है। टीम से उम्मीदें तब भी रहती थी जब टीम रैंकिंग में फिसल गई थी और उसे बड़े टूर्नामेंटों में अच्छे नतीजे नहीं मिल रहे थे। इसके बाद टीम 2008 बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में भी नाकाम रही थी।

mens hockey team

हालांकि, भारतीय टीम ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है और वह विश्व रैंकिंग में 10वें से चौथे स्थान पर आ गई है। टोक्यो ओलंपिक के लिए खिलाड़ी काफी आश्वस्त हैं, बावजूद इसके कि टीम का कैंपेन कोरोना के कारण प्रभावित रहा था। भारतीय हॉकी टीम 23 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों के महाकुंभ ओलंपिक के लिए तैयार है और भारतीय पुरुष टीम बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और जर्मनी के साथ पदक जीतने के उम्मीदवार में से एक है। कई वर्षो से टीम का लक्ष्य नॉकआउट चरण में पहुंचना रहा है लेकिन इस बारे उम्मीदें काफी ज्यादा है क्योंकि चयनकर्ताओं ने बेहद संतुलित टीम चुनी है।

गोलकीपर पीआर श्रीजेश, मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम का हिस्सा हैं। भारत रियो ओलंपिक की चैंपियन अर्जेटीना, विश्व की नंबर-1 टीम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्पेन और जापान के साथ ग्रुप ए में है जबकि बेल्जियम, नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका ग्रुप बी में है। प्रत्येक ग्रुप से चार टीमें नॉकआउट चरण में जाएंगी।

भारतीय टीम के कोच ग्राहम रीड उम्मीदों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत अपना चार दशक का सूखा खत्म करेगा। रानी रामपाल के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम ने अमेरिका को क्वालीफायर्स में हराकर ओलंपिक में क्वालीफाई किया था। टीम का मुख्य लक्ष्य नॉकआउट चरण में प्रवेश करना होगा। हालांकि, मुख्य कोच शुअर्ड मरिने ने कहा कि अगर टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में नाकाम भी रही तो उन्हें इतनी निराशा नहीं होगी।

womens hockey team

भारतीय महिला टीम नीदरलैंड, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ ग्रुप ए में है जबकि अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, चीन, न्यूजीलैंड, स्पेन और जापान अन्य ग्रुप में है। मरिने ने कहा, “भारतीय टीम से काफी उम्मीदें हैं। लेकिन आप वास्तिविकता को देखें तो जापान और दक्षिण अफ्रीका ही हमसे रैंक में नीचे है।”

हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि टीम क्वार्टर फाइनल तक जरूर पहुंचेगी।