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Tokyo Olympic: मैरीकॉम के कोच ने उठाए स्कोरिंग सिस्टम पर सवाल, कहा- यह समझ नहीं आता

tokyo-olympic: हार के बाद राष्ट्रीय सहायक कोच और मैरीकॉम के निजी ट्रेनर ने स्‍कोरिंग को लेकर सिस्‍टम पर कई सवाल खड़े किए हैं। कोच छोटे लाल ने कहा कि मैं इस स्‍कोरिंग सिस्‍टम को नहीं समझता। मैरीकॉम पहला राउंड 1-4 से कैसे हार गई, जब इन दोनों को अलग करने वाली कोई बात ही नहीं थी। यह बहुत निराशजनक है, लेकिन मुझे लगता है कि यह किस्‍मत की बात है।

नई दिल्ली। भारत के लिए पदक क उम्मीद से टोक्यो मे ओलंपिक खेलने गईं मैरी कॉम की का टोक्यो ओलंपिक में खत्म हो गया है। 6 बार की वर्ल्‍ड चैंपियन रह चुकीं मैरीकॉम को 51 किग्रा फ्लाइवेट कैटेगरी के प्री क्‍वार्टर फाइनल में कोलंबिया की इंग्रिट वालेसिया से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि पहले राउंड में वह 1-4 से हार गई थीं। लेकिन उसके मैरीकॉम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 3-2 से दूसरा और तीसरा राउंड जीता था। लेकिन पहले राउंड में मैरीकॉम की हार का अंतर काफी ज्‍यादा रहा।

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मैरीकॉम के निजी ट्रेनर ने उठाए सवाल

लेकिन हार के बाद राष्ट्रीय सहायक कोच और मैरीकॉम के निजी ट्रेनर ने स्‍कोरिंग को लेकर सिस्‍टम पर कई सवाल खड़े किए हैं। कोच छोटे लाल ने कहा कि मैं इस स्‍कोरिंग सिस्‍टम को नहीं समझता। मैरीकॉम पहला राउंड 1-4 से कैसे हार गई, जब इन दोनों को अलग करने वाली कोई बात ही नहीं थी। यह बहुत निराशजनक है, लेकिन मुझे लगता है कि यह किस्‍मत की बात है।

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दो राउंड में जीतीं मैरीकॉम

वहीं इस पर भारतीय खिलाड़ी मैरीकॉम का कहना है कि मुझे नहीं पता कि क्‍या हुआ। मुझे लगता है कि पहले राउंड में हम दोनों रणनीति जानने की कोशिश कर रहे थे और मैंने अगले दोनों राउंड जीते। अपने करियर के बारे में मैरीकॉम ने कहा कि मैं अभी भी लड़ सकती हूं। मैं अभी भी काफी मजबूत हूं। यदि आपके पास इच्‍छाशक्ति है, तो आप लड़ सकते हैं। अनुशासन के साथ ट्रेनिंग भी काफी जरूरी है। मैं पिछले 20 सालों से खेल रही हूं। मणिपुर के लोगों में फाइटिंग स्प्रिट होती है। फिर चाहे वो महिला हो या पुरुष, मगर महिलाओं में यह भावना अधिक होती है।