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India Vs SA: जोहान्सबर्ग टेस्ट क्यों हार गया भारत?, ये रही अहम वजहें

India Vs SA: पहले टेस्ट में भारत के पास केएल राहुल और मयंक अग्रवाल के बीच 117 रनों की साझेदारी की वजह से मजबूत बढ़त थी, जो कि मध्य क्रम के बल्लेबाजों के न चलने के बावजूद 327 रन बने थे। दूसरे टेस्ट में राहुल, अग्रवाल, पुजारा और रहाणे जल्दी आउट हो गए, जिससे भारत एक समय में 91/4 पर था। भारत के लिए 200 पार करने के लिए रविचंद्रन अश्विन ने 46 रनों की शानदारी पारी खेली थी।

जोहान्सबर्ग। सेंचुरियन में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज करने के बाद भारत जोहान्सबर्ग में दूसरा टेस्ट खेलने गया, एक ऐसी जगह जहां वह पहले कभी भी नहीं हारा था, क्योंकि यहां खेले गए पांच मैचों में दो में जीत और तीन बार ड्रॉ किया था। हालांकि, चार दिनों के भीतर दक्षिण अफ्रीका ने उन्हें सात विकेट से हरा दिया। भारत की वांडर्स में यह पहली हार थी। हम उन कारणों का पता लगाएंगे, जहां भारत ने 11 जनवरी से केप टाउन में होने वाले निर्णायक मुकाबले से पहले जोहान्सबर्ग में मैच गंवा दिया।

1. बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन (खासकर पहली पारी में)

“मैं कुछ गलत नहीं कहना चाहता, लेकिन मुझे लगता है कि टॉस जीतकर बल्लेबाजों को पहली पारी में अधिक रन बनाने चाहिए थे,” मैच के कप्तान केएल राहुल के इन शब्दों ने उन सबसे बड़े कारणों में से एक को अभिव्यक्त किया, जहां भारत जोहान्सबर्ग में लड़खड़ा गया था।

Team india

पहले टेस्ट में भारत के पास केएल राहुल और मयंक अग्रवाल के बीच 117 रनों की साझेदारी की वजह से मजबूत बढ़त थी, जो कि मध्य क्रम के बल्लेबाजों के न चलने के बावजूद 327 रन बने थे। दूसरे टेस्ट में राहुल, अग्रवाल, पुजारा और रहाणे जल्दी आउट हो गए, जिससे भारत एक समय में 91/4 पर था। भारत के लिए 200 पार करने के लिए रविचंद्रन अश्विन ने 46 रनों की शानदारी पारी खेली थी।

दूसरी पारी में पुजारा और रहाणे के साथ मिलकर शार्दुल ठाकुर और हनुमा विहारी ने भारत का स्कोर 266 रनों तक पहुंचा दिया, लेकिन पहली पारी में हुए नुकसान अंतत: महंगा साबित हुआ।

2. दूसरी पारी में पंत का न चलना :

ऋषभ पंत ऐसे खिलाड़ी हैं जो पल भर में खेल को पलटने की क्षमता रखते हैं। वह अपने अच्छे और बुरे दिनों में फर्क देख सकते हैं। दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद पंत की भूमिका अच्छे काम को आगे बढ़ाने की थी। लेकिन कगिसो रबाडा की गेंद पर खराब शॉट खेलकर वह भी जल्द ही पवेलियन लौट गए, जिस पर मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने कहा कि वे युवा खिलाड़ी के साथ कुछ शॉट्स खेलने पर चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने पहली पारी में 12 रन पर कीगन पीटरसन का कैच भी छोड़ दिया था, जो महंगा साबित हुआ।

Britain England India Cricket

3. रनों का ज्यादा न बनना :

केएल राहुल भारत के लिए पहली पारी में 123 के साथ पहला टेस्ट जीतने में एक बड़ी भूमिका निभाने का प्रमुख उदाहरण थे। दूसरे टेस्ट में राहुल अर्धशतक तक पहुंचे, लेकिन आउट हो गए। इसके विपरीत, दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर ने एक कप्तानी पारी खेल मैच को अपने नाम कर लिया था और उन्होंने अपनी टीम की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की।

4. बड़ी साझेदारियों का अभाव :

पहले टेस्ट के पहले दिन के बाद सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने कहा था कि साझेदारी करना और उन्हें बड़ा बनाना अहम था। लेकिन दूसरे टेस्ट में भारत ने कुछ बड़ी साझेदारियां नहीं कीं, जैसे पहली पारी में भारत की सर्वश्रेष्ठ तीन साझेदारियां 42, 40 और 36 थीं, जबकि दक्षिण अफ्रीका की पहले पारी में सर्वश्रेष्ठ तीन साझेदारियां 74, 60 और 38 थीं। दूसरी पारी में पुजारा और रहाणे के बीच 111 रनों की साझेदारी को छोड़कर, कोई भी बल्लेबाजों ने अर्धशतकीय साझेदारी भी नहीं की थी। दक्षिण अफ्रीका ने 240 रनों का पीछा करते हुए नाबाद 47, 46, 84 और 68 रनों की साझेदारी कर मैच जीत लिया था।

भारत उम्मीद कर रहा होगा कि वे केप टाउन में बड़ी साझेदारी कर सीरीज पर कब्जा कर सकता है, जिस पर द्रविड़ ने भी जोर दिया था। उन्होंने कहा था, “हमें निश्चित रूप से कुछ बड़ी साझेदारी करनी होगी, जिससे हमें बड़ा स्कोर बनाने में मदद मिलेगी।”

5. सिराज की चोट :

भारत के गेंदबाजी आक्रमण में मोहम्मद सिराज को चोट लग गई थी। हालांकि, सिराज दूसरे दिन गेंदबाजी करने के लिए वापस आए, लेकिन वह अपना सौ प्रतिशत नहीं दे रहे थे, क्योंकि दूसरी पारी में सिराज ने सिर्फ छह ओवर फेंके। चोटिल होने से पहले सिराज ने एल्गर के खिलाफ बेहतर गेंदबाजी की थी।

6. कप्तान कोहली की कमी :

शायद, कोहली की सेवाओं के न होने से भारत जोहान्सबर्ग में मैच गंवा दिया। कोहली के दूसरे टेस्ट की शुरुआत से पहले बाहर होने के कारण केएल राहुल के पास सोचने के लिए ज्यादा समय नहीं था। दूसरी पारी में कप्तान राहुल नौ ओवर देरी से ठाकुर को लाए, जो गेंद को स्विंग करा सकते थे। वहां, भारत एक चाल चूक गया, क्योंकि स्विंग गेंदबाज पिच पर नमी का इस्तेमाल कर सकता था। दक्षिण अफ्रीका के आसानी से रन बनाने के कारण उनकी फील्डिंग ने कई मौके भी गंवाए थे।