नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर कब्जा जमाए बैठा तालिबान के लोगों पर अत्याचार कर रहा है। वहां के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अफगानिस्तान में महिलाओं पर रोक लगाई जा रही है। पुरूषों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। सरेआम फायरिंग और मारकाट की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इन सबकी वजह पाकिस्तान है। अफगानिस्तान की पॉप स्टार अर्याना सईद ने देश में तालिबान की वापसी और पैदा हुए हालात पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने वैश्विक समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव डालने का आरोप लगाया है। अर्याना का कहना है कि आज अफगानिस्तान में लोग जो कुछ भी झेल रहे हैं, उसके पीछे की वजह सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान ही है।
अर्याना सईद का कहना है कि तालिबान को पाकिस्तान ने न सिर्फ फंडिंग मुहैया कराई है बल्कि उसके लड़ाकों को प्रशिक्षित भी किया है, उन्होंने कहा कि तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी से पहले उनका बेस पाकिस्तान में ही था। इसके साथ ही अर्याना ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाते हुए कहा कि वह पाकिस्तान को पैसा देना बंद करे। पाकिस्तान उस पैसे का इस्तेमाल तालिबान की मदद करने में कर रहा है।
#WATCH | “…I blame Pakistan. Over the yrs, we’ve seen videos & evidence that Pak is behind empowering Taliban. Every time our govt would catch a Talib, they’d see identification & it’d be a Pakistani, it’s very obvious that it’s them,” says Afghan pop star Aryana Sayeed to ANI pic.twitter.com/eIBAGXvaCP
— ANI (@ANI) August 24, 2021
वहीं जब इस मामले में पत्रकार ने जब अर्याना से पूछा कि क्या सारी मुसीबत के लिए क्या आप पाकिस्तान को वजह मानते हो तो उन्होंने कहा, “बिल्कुल, पिछले कई सालों के दौरान हमने कई वीडियो और सबूत देखें हैं जो यह साबित करता है कि तालिबान के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, जब भी सुरक्षाबल किसी तालिबान को पकड़ते थे तो उसके पास से पाकिस्तानी पहचान पत्र मिलता था।”
इसके साथ ही अर्याना ने भारत को धन्यवाद करते हुए कहा, “पूरे अफगानिस्तान की ओर से, मैं भारत के प्रति अपना अत्यंत आभार व्यक्त करना चाहती हूं और मैं आपको धन्यवाद कहना चाहती हूं। इन वर्षों में हमने महसूस किया है कि हमारे पड़ोस में एकमात्र अच्छा मित्र भारत है। भारत हमेशा हमारे लिए अच्छा रहा है। वे एक सच्चे दोस्त रहे हैं, वे हमारे लोगों के लिए बहुत मददगार और दयालु रहे हैं जो भारत में शरणार्थी थे। मैं अपने जीवन में जितने भी अफ़गानों से मिला हूं, जो पहले भारत में थे, उन्होंने भारतीय लोगों के बारे में बहुत अच्छी बात की है। हम आभारी हैं।”