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सावधान! अमेरिका में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने बच्चों को बनाया अपना शिकार, क्या भारत में भी होगी ऐसी स्थिति?

Coronavirus Delta Variant: खबरों के मुताबिक, अमेरिका के उन हिस्सों में ज्यादा बच्चे कोरोना की चपेट में आए है जहां कम टीकाकरण (Corona Vaccination) हुआ है। कम वैक्सीनेशन वाले क्षेत्रों में कोरोना से संक्रमित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

नई दिल्ली। पूरे विश्व में कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप कहर जारी है। वहीं अब डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) ने सबकी चिंता बढ़ा दी है। इस बीच अमेरिका (America) में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की वजह से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और चिंता की बात ये है कि यह तेजी से बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस कारण अमेरिका के अस्पतालों में भर्ती कोरोना से संक्रमित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसके बाद कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने अमेरिका में टेंशन बढ़ा दी है। वहीं एक्सपर्ट्स की मानें तो, यह डेल्टा वैरिएंट की वजह से हो रहा है, क्योंकि यह अल्फा स्ट्रेन की तुलना में बच्चों को अधिक संक्रमित करता है।

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खबरों के मुताबिक, अमेरिका के उन हिस्सों में ज्यादा बच्चे कोरोना की चपेट में आए है जहां कम टीकाकरण (Corona Vaccination) हुआ है। कम वैक्सीनेशन वाले क्षेत्रों में कोरोना से संक्रमित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। आपको बता दें कि अमेरिका में फाइजर की कोविड वैक्सीन (Pfizer Corona Vaccine) को मंजूरी दी गई है, हालांकि यह 12 से 17 साल के उम्र के बच्चों को लगाई जा रही है।

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वहीं टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जेम्स वर्सालोविक ने बताया कि, ”जुलाई की शुरुआत से हमने मामलों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है और हमने अस्पताल में भर्ती बच्चों में भी वृद्धि देखी है।” उन्होंने आगे बताया कि, डेल्टा वैरिएंट अभी तक ज्ञात कोरोना से सभी स्ट्रेन में सबसे ज्यादा खतरनाक है। कोरोना से संक्रमित 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है।

क्या तीसरी लहर को रोकने के लिए तैयार हैं भारत

भारत की बात करें तो, कोरोना का डेल्टा वैरिएंट देश में तबाही मचा सकता है। कोरोना के दैनिक मामलों में भले ही लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लेकिन कुछ राज्य ऐसे है जहां कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बात करें डेल्‍टा वेरिएंट की तो हाल ही में राजधानी दिल्ली और महाराष्‍ट्र दोनों ही जगह जुलाई के महीनों में जीनोम सीक्‍वेंसिंग के लिए जितने सैम्‍पल्‍स भेजे गए, उनमें 80 प्रतिशत से ज्‍यादा में डेल्‍टा वेरिएंट पाए गए है। इतना ही नहीं दिल्‍ली में इसके अलावा ‘अल्‍फा’ वेरिएंट के मामले भी देखने को मिले हैं जो कि भारत में चिंता का कारण बन सकता है। इसके अलावा महाराष्‍ट्र में ‘डेल्‍टा-प्‍लस’ वेरिएंट केवल 45 सैम्‍पल्‍स में मिला है।

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ऐसे में क्या भारत में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देने के लिए तैयार है, क्या सरकार कोरोना के किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार है। लेकिन सवाल ये भी की जिस तरह से अमेरिका में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने बच्चों को अपना शिकार बनाया है ऐसे में डॉक्टरों और सरकार के लिए काफी चिंता बढ़ा दी है। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर को काबू करने के लिए भारत सरकार ने पहले से तैयारियों शुरू कर रखी है।