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After New Orleans Now Firing In New York: न्यू ऑर्लियंस और लास वेगास में हमले के बाद अब अमेरिका के न्यूयॉर्क में फायरिंग, तमाम लोगों के घायल होने की खबर

After New Orleans Now Firing In New York: नए साल 2025 के आने के साथ ही अमेरिका में लगातार हमलों की घटनाएं हो रही हैं। बुधवार को अमेरिका के न्यू ऑर्लिंयस में ट्रक से कुचलकर और फायरिंग कर एक दर्जन से ज्यादा लोगों की जान ली गई थी। अब ताजा हमला अमेरिका के न्यूयॉर्क में होने की खबर आ रही है। न्यूयॉर्क के अमेजुरा नाइट क्लब में एक शख्स ने 1 जनवरी की रात करीब पौने 12 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

न्यूयॉर्क। नए साल 2025 के आने के साथ ही अमेरिका में लगातार हमलों की घटनाएं हो रही हैं। बुधवार को अमेरिका के न्यू ऑर्लिंयस में ट्रक से कुचलकर और फायरिंग कर एक दर्जन से ज्यादा लोगों की जान ली गई थी। अब ताजा हमला अमेरिका के न्यूयॉर्क में होने की खबर आ रही है। न्यूयॉर्क के अमेजुरा नाइट क्लब में एक शख्स ने 1 जनवरी की रात करीब पौने 12 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में भी 10 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। इन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वारदात की जगह को पुलिस ने सील कर दिया। इस बारे में अभी विस्तृत जानकारी आनी बाकी है।

इससे पहले नए साल का जश्न मना रहे लोगों पर न्यू ऑर्लियंस में शमसुद्दीन जब्बार नाम के व्यक्ति ने ट्रक चढ़ा दिया था। उसने बैरिकेड तोड़कर जश्न मना रहे लोगों को निशाना बनाया। पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की, तब शमसुद्दीन ने फायरिंग कर दी। फायरिंग से दो पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने इसके बाद शमसुद्दीन जब्बार को मौके पर ही मार गिराया। इस घटना के अलावा लास वेगास में ट्रंप होटल के बाहर टेस्ला की कार में धमाका हुआ। इसमें एक शख्स की जान गई। न्यू ऑर्लियंस और लास वेगास में हुई घटनाओं को आतंकी हमला बताया गया है। न्यू ऑर्लियंस में जिस ट्रक से शमसुद्दीन जब्बार ने लोगों को कुचला, उसमें आतंकी संगठन आईएसआईएस का झंडा और विस्फोटक बरामद होने की खबर है।

न्यू ऑर्लियंस में आतंकी हमला करने वाला शमसुद्दीन जब्बार।

अमेरिका में आए दिन फायरिंग की घटनाएं होती हैं। हर साल ऐसी फायरिंग की घटनाओं में तमाम लोगों की जान जाती है। मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2020 में पद संभालने के बाद फायरिंग की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून लाने की बात कही थी। उन्होंने कई ऐसे कानून बनाए भी हैं, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका में आसानी से लोगों को बंदूक और पिस्टल मिल जाती है और फायरिंग की घटनाओं पर रोक लगाना आसान नहीं है। न्यूयॉर्क में हुई ताजा वारदात इसी की तस्दीक करता है।