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Pakistan: मां बाहर रोती रही और कोर्ट ने 13 साल की लड़की को सौंप दिया 44 साल के शख्स के हवाले

Pakistan: इस मामले में अदालत(Pakistan Court) ने इस शादी को सही ठहराया है। कराची(Karachi) हाईकोर्ट ने जिस समय यह फैसला दिया उस वक्त अदालत में 44 साल का अधेड़ अपहरणकर्ता अजहर अली तो वहां मौजूद था

नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदुओं और ईसाई लड़कियों को अगवाकर उनका धर्म परिवर्तन कर जबरन निकाह करने का सिलसिला रूक नहीं रहा। इसको लेकर पाकिस्तान की सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। पाक में अल्पसंख्यकों पर जुल्म की खबरें लगातार सामने आती रहती हैं। इसमें पाकिस्तान का सरकारी तंत्र भी अल्पंसख्यक समाज की लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्मांतरण कर उनसे फर्जी निकाह करने वालों का खुलकर साथ देने में लगा हुआ है। इंसानियत को शर्मसार करने वाले इस काले कारनामे में पाकिस्तान की पुलिस और वहां की निचली अदालतें भी पहले से शामिल थीं। अब उच्चतर अदालतें भी उसमें शामिल हो गई हैं। एक नया मामला जिसमें पिछले दिनों कराची हाईकोर्ट (Karachi High Court) ने कक्षा छह में पढ़ने वाली 13 साल की एक ईसाई लड़की को उसका अपरहण करने वाले के ही हवाले कर दिया। यह कहते हुए कि लड़की ने स्वेच्छा से इस्लाम कुबूल कर लिया है और खुद को अगवा करने के साथ निकाह को जायज मान रही है। इसलिए अब वह उसकी बेगम हुई।

karachi high court hindu muslim

इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें लड़की की मां अपनी बेटी से मिलने के लिए मिन्नतें कर रही है लेकिन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा है। मां रोते-रोत बेहोश भी हो गई लेकिन किसी ने उसे उसकी बच्ची से नहीं मिलवाया। मां बार-बार यही कहती रही कि एक बार उसे उसकी बेटी से मिला दो। यह वीडियो भाजपा नेता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किया है।

religion conversion pic

उन्होंने इस वीडियो को अपलोड करने के साथ कैप्शन में लिखा है कि, ““माँ को मिलने दे…” एक माँ की दर्दनाक पुकार जिसकी 13 साल की बेटी आरजू को पाकिस्तान में ज़बरन इस्लाम क़बूल करवा के 44 साल के अजहर से शादी करवा दी और कोर्ट ने मुहर भी लगा दी शाहीन बाग़/Anti-CAA लॉबी कुछ बोलेगी ? ना लिबरांडु कुछ कहेंगे ? ना अरफ़ा/राणा अयूब लिखेंगी ? ना”

वीडियो-

बता दें कि इस मामले में अदालत ने इस शादी को सही ठहराया है। कराची हाईकोर्ट ने जिस समय यह फैसला दिया उस वक्त अदालत में 44 साल का अधेड़ अपहरणकर्ता अजहर अली तो वहां मौजूद था, लेकिन बच्ची के मां-बाप अदालत परिसर के बाहर बिलख रहे थे। उन्हें अदालत के अंदर आने की इजाजत तक नहीं दी गई। जब नाबालिग लड़की की मां रीटा मसीह रोते-रोते बेहोश हो गईं तो उन्हें दो मिनट के लिए अपनी बेटी से मिलने दिया गया। इस दौरान डरी-सहमी बेटी ने कहा कि मैंने इस्लाम कुबूल कर लिया है। इसके बाद लड़की को तुरंत अपहरणकर्ता अजहर अली को सौंप दिया गया। हाईकोर्ट ने इंसानियत और इंसाफ को शर्मसार करने वाला यह फैसला तब दिया, जब खुद सिंध और पाकिस्तान के कानून के तहत 13 साल की उम्र में लड़की की शादी नहीं हो सकती।