newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Corona Havoc: ऑस्ट्रेलिया के पीएम मॉरिसन कोरोना पॉजिटिव, अमेरिका में अब तक 8 लाख से ज्यादा मौतें

मॉरिसन ने बीते शुक्रवार को सिडनी में एक स्कूल के ग्रेजुएशन समारोह में हिस्सा लिया था। इस समारोह में करीब 1 हजार लोग आए थे। समारोह के बाद दो बार स्कॉट मॉरिसन का कोरोना टेस्ट हुआ था। इनमें वो नेगेटिव थे।

कैनबरा/रोम/वॉशिंगटन। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से बढ़ते खतरे से दुनियाभर में हड़कंप है। इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। मंगलवार को मॉरिसन का कोरोना टेस्ट हुआ था। इसमें पॉजिटिव पाए जाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई पीएम को आइसोलेट कर दिया गया है। मॉरिसन ने बीते शुक्रवार को सिडनी में एक स्कूल के ग्रेजुएशन समारोह में हिस्सा लिया था। इस समारोह में करीब 1 हजार लोग आए थे। समारोह के बाद दो बार स्कॉट मॉरिसन का कोरोना टेस्ट हुआ था। इनमें वो नेगेटिव थे। बाद में पता चला कि मॉरिसन एक कोरोना मरीज के संपर्क में भी आए। इसके बाद तीसरी बार उनका टेस्ट कराया गया और वह कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

corona virus

बात करें अमेरिका की, तो वहां भी लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक अमेरिका में कोरोना से 8 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। ये संख्या अमेरिका के अलास्का और नॉर्थ डकोटा जैसे राज्यों की आबादी से भी ज्यादा है। इस बीच, 77 देशों में फैले कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने नई चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रसार खतरनाक रूप ले रहा है। उसने कहा है कि इस वैरिएंट से हल्की बीमारी होने की बात सोचना खतरनाक हो सकता है।

coronavirus

उधर, यूरोप की बात करें, तो यहां ब्रिटेन समेत तमाम देशों में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे देखते हुए इटली की सरकार ने महामारी की वजह से लागू आपातकाल को और 3 महीने के लिए बढ़ा दिया है। अब इटली में अगले साल 31 मार्च तक आपातकाल लगा रहेगा। इटली में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बाद 31 जनवरी 2020 को आपातकाल लागू किया गया था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इटली में हजारों लोगों की मौत हुई थी। वहां रोज इतने मरीज आ रहे थे कि अस्पतालों में इनके इलाज के लिए जगह नहीं मिल रही थी। जबकि, इटली की स्वास्थ्य सेवाओं को दुनिया में नंबर 1 माना जाता है।