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India Against Russia: यूक्रेन के मसले पर पुराने दोस्त रूस को भारत ने दिया झटका, इस अहम प्रस्ताव के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में की वोटिंग

भारत ने अपने पुराने दोस्त रूस को संयुक्त राष्ट्र में झटका दिया है। भारत ने यूक्रेन के मसले पर रूस की गुप्त वोटिंग की मांग के खिलाफ वोट दिया। रूस के खिलाफ यूक्रेन के 4 इलाकों पर अवैध कब्जे का आरोप है। इसी मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा UNGA में अल्बानिया की तरफ से प्रस्ताव लाया गया है। रूस इस पर गुप्त मतदान चाहता था।

न्यूयॉर्क। भारत ने अपने पुराने दोस्त रूस को संयुक्त राष्ट्र में झटका दिया है। भारत ने यूक्रेन के मसले पर रूस की गुप्त वोटिंग की मांग के खिलाफ वोट दिया। रूस के खिलाफ यूक्रेन के 4 इलाकों पर अवैध कब्जे का आरोप है। इसी मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा UNGA में अल्बानिया की तरफ से प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव पर रूस की निंदा करने के लिए खुले मतदान की बात थी, लेकिन रूस ने इसके लिए गुप्त मतदान की मांग की थी। जिसे भारत ने खारिज करते हुए विरोध में वोट दिया। भारत इससे पहले यूक्रेन के मसले पर रूस के खिलाफ वोटिंग से दूर रहता आया था। इसे लेकर तमाम देश सवाल भी उठा रहे थे। इस पर भारत ने कहा था कि वो हर मसले का हल शांति और बातचीत से सुलझाने के पक्ष में रहा है।

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गुप्त वोटिंग कराने के रूस के प्रस्ताव के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में 107 सदस्यों ने वोट डाले। रूस की इस मांग के पक्ष में 13 देश रहे। जबकि, 39 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। रूस और चीन ने भी वोट नहीं डाले। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान रूस के स्थायी राजदूत वसीली नबेंजिया ने आरोप लगाया कि संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता अपमानजनक धोखाधड़ी का गवाह बन गई है। इसमें दुर्भाग्य से महासभा के अध्यक्ष ने भी भूमिका निभाई। रूस के दूत ने कहा कि हमें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य देशों को खुलेआम राय जाहिर करने का हक दिया जा रहा है।

PM Modi and Putin

जहां तक भारत की रूस के खिलाफ वोटिंग की बात है, तो पिछले महीने यानी सितंबर में अल्बानिया ने यूक्रेन के मसले पर एक और प्रस्ताव दिया था। रूस के खिलाफ आए इस प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत दूर रहा था। उस प्रस्ताव में यूक्रेन के हिस्सों पर रूस के कब्जे और अवैध जनमत संग्रह पर निंदा करने की बात कही गई थी। प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस तुरंत यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाए। बता दें कि बीते दिनों ही पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात के दौरान कहा था कि मौजूदा हालात में युद्ध से किसी मामले का हल नहीं हो सकता।