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Taliban: भारत के IMA में सैन्य प्रशिक्षण ले चुका है बड़ा तालिबानी नेता, पहले था अफगान सेना का अफसर

Taliban Leader: बता दें कि शेर मोहम्मद को 1997 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने तालिबान सरकार का कार्यकारी विदेश मंत्री बताया था। साल 2012 से 2019 तक वह तालिबान का प्रवक्ता और टॉप वार्ताकार भी रहा।

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद तमाम जानकारियां सामने आ रही हैं और खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासा ये है कि तालिबान का एक टॉप मोस्ट कमांडर कभी देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी में कैडेट रहा। वह पहले अफगान सेना का अफसर था और बाद में तालिबान बन गया। एक हिंदी अखबार के मुताबिक इस तालिबान कमांडर का नाम शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई है। उसकी उम्र 60 साल है। वह 1982 बैच में आईएमए का कैडेट रहा और सैन्य प्रशिक्षण लेकर अपने देश लौट गया था। अखबार ने शेर मोहम्मद के बैच में रहे रिटायर्ड मेजर जनरल डीए चतुर्वेदी के हवाले से बताया है कि स्टानिकजई आईएमए के भगत बटालियन की केरेन कंपनी में था। वह काफी लंबा था और मूंछें रखता था। मेजर जनरल चतुर्वेदी ने अखबार को बताया है कि बाकी कैडेट्स ने उसका नाम शेरू रखा था और शेरू उस वक्त कट्टर विचारों वाला भी नहीं था। उसके दूसरे बैचमेट रिटायर्ड कर्नल केएस शेखावत का कहना है कि शेर मोहम्मद सभी से दोस्ती रखता था।

Sher Mohammad

वहीं डेढ़ साल तक उसने आईएमए में ट्रेनिंग ली थी। फिर अफगान सेना में अफसर हो गया था। इसके कुछ दिन बाद ही रूस ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। उसके साथियों के मुताबिक शेरू ने 1996 में अफगान सेना छोड़कर तालिबान का साथ देना शुरू किया। क्लिंटन सरकार और तालिबान के बीच बातचीत में भी वह शामिल था।

Sher Mohammad Afghan

बता दें कि शेर मोहम्मद को 1997 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने तालिबान सरकार का कार्यकारी विदेश मंत्री बताया था। साल 2012 से 2019 तक वह तालिबान का प्रवक्ता और टॉप वार्ताकार भी रहा। फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान के जो 7 बड़े नेता हैं, उनमें एक स्टानिकजई भी है।