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भारत के साथ अधिकारियों की उच्चस्तरीय मीटिंग से पहले चीन ने किया बड़ा सैन्य फेरबदल, नियुक्त किया नया कमांडर!

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच चीन ने अपनी सैन्य ताकत में बड़ा फेरबदल किया है। चीनी सरकार ने भारत की सीमा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्सेस की देखरेख के लिए एक नए आर्मी जनरल की नियुक्ति की है।

नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच चीन ने अपनी सैन्य ताकत में बड़ा फेरबदल किया है। चीनी सरकार ने भारत की सीमा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्सेस की देखरेख के लिए एक नए आर्मी जनरल की नियुक्ति की है।

पहली बार 1 जून को एक रिपोर्ट में इस नई नियुक्ति की सार्वजनिक रूप से पुष्टि की गई थी, जिसमें पीएलए वेस्टर्न थिएटर कमांड ग्राउंड फोर्स, या सेना के नए कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल जू क्विंग की नियुक्त किया गया था। पूर्वी लद्दाख पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत-चीन की वार्ता में लेफ्टिनेंट जनरल जू जनरल झाओ ज़ोंग्की को रिपोर्ट करेंगे, जो पश्चिमी थिएटर कमान के कमांडर हैं और ग्राउंड फोर्स या सेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स सहित सभी बलों की देखरेख करते हैं।

चीनी थिएटर कमांड आमतौर पर जनरलों के नेतृत्व में होते हैं। जनरल झाओ 2017 डोकलाम स्टैंड-ऑफ के दौरान वेस्टर्न थिएटर कमांडर भी बने हुए थे। अक्टूबर 2017 में उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी की 19 वीं केंद्रीय समिति में भी नियुक्त किया गया। पूर्वी रंगमंच कमान में जनरल झाओ के समकक्ष, जनरल हे वेदोंग, पूर्व में पीएलए के ग्राउंड फोर्सेज के प्रभारी थे। जनवरी में उनके प्रचार से पहले पूरे पूर्वी थिएटर कमान के प्रमुख थे।

गौरतलब है कि भारत और चीनी सैनिकों के बीच कमांडर स्तर की चर्चा कल 6 जून को 8 बजे सुबह के करीब होगी। हालांकि यह मौसम पर भी निर्भर करेगा। अगर मौसम ठीक रहता है, तभी ये मीटिंग होगी। भारत की तरफ से करीब 10 लोग इस चर्चा में​ हिस्सा लेंगे। ये मीटिंग चीन की सीमा में Moldo में होनी है।

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कल यानी 6 जून को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की चर्चा होगी। लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर बराबर स्तर के चीनी अधिकारी से चर्चा करेंगे। इससे पहले भारत और चीनी सेना के ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया था।

लद्दाख में पेंगांग झील के किनारे और गलवान वैली में पिछले एक महीने से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। डोकलाम में 2017 में दोनों देशों के बीच 73 दिनों तक चले तनाव के बाद पहली बार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर इतने लंबे समय तक सैनिक गतिरोध हुआ है।