नई दिल्ली। चीन के नापाक इरादों से पूरी दुनिया वाकिफ है। चीन पर अक्सर आरोप लगते रहते हैं कि वो अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए अक्सर अमेरिकी मीडिया को प्रभावित करता है। वहीं इन आरोपों के बीच एक लिस्ट सामने आई है, जिसमें चीन द्वारा अमेरिकी प्रमुख अखबारों और मैगजीन को दी गई रकम की पूरी लिस्ट निकाली गई है। इस लिस्ट से संभावनाएं बनती है कि, चीन के पैसे के आगे अमेरिकी मीडिया पूरी तरह बिक चुका है। खबर के मुताबिक चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए अपने प्रोपेगेंडा अखबार चाइना डेली के जरिए अमेरिका के प्रमुख अखबारों और मैगजीन को लाखो डॉलर दिए हैं। इन पैसों के बदले चीन ने अमेरिकी अखबारों से अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए कहा। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट अमेरिका के एक इंडिपेंडेंट एनालिस्ट ने वहां के जस्टिस डिपार्टमेंट के दस्तावेजों के आधार पर यह रिपोर्ट दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि, अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट से जानकारी सामने आई है कि, चीन के अंग्रेजी भाषा के अखबार चाइना डेली ने मशहूर टाइम मैगजीन और फॉरेन पॉलिसी मैगजीन जैसे जाने-माने वाले प्रतिष्ठित पब्लिकेशन को अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए लाखों डॉलर दिए हैं। 6 महीने के दौरान इन मीडिया हाउस को यह रकम दिए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक टाइम मैगजीन को 7,00,000 डॉलर, फाइनेंशियल टाइम्स को 3,71,577 डॉलर, फॉरेन पॉलिसी मैगजीन को 2,91,000 डॉलर, लॉस एंजिल्स टाइम्स को 2,72,000 डॉलर और बाकियों को 10 लाख डॉलर की रकम दी गई है। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिकी अखबारों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं।
How CCP buys media influence: According to US Justice Department disclosures, state-run China Daily in just a six-month period paid $700,000 to TIME; $371,577 to FT; $291,000 to Foreign Policy magazine; $272,000 to LA Times; and over $1 million to others. https://t.co/CpykQRjD1h
— Brahma Chellaney (@Chellaney) July 3, 2021
बता दें कि चाइना डेली पर को लेकर कहा जाता है कि इसका कंट्रोंल राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पार्टी चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के पास है वहीं पिछले महीने ही डेली कॉलर की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि CCP ने निष्पक्ष पत्रकारिता का दंभ भरने वाले अमेरिकी अखबारों में वॉशिंगटन पोस्ट को 46 लाख डॉलर से अधिक की रकम दी थी। वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल को करीब 60 लाख डॉलर दिए गए थे। यह पैसे 2016 के नवंबर से पेमेंट की गई।
जानकारी के मुताबिक इन दोनों अखबारों ने पैसे लेकर चाइना डेली का सप्लिमेंट भी अपने अखबारों में छापा और उसे इस तरह से पेश किया गया कि वह असल की न्यूज आइटम लगे, जबकि वो बीजिंग के प्रोपेगेंडा मात्र थे। वैसे इस तरह का संदेह सिर्फ अमेरिकी अखबारों को लेकर नहीं है, बल्कि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी जुड़ा है। बता दें कि अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी ट्विटर को भी चीन की तरफ से 2,65,822 डॉलर का विज्ञापन दिया। वहीं चीन ने अमेरिकी अखबारों को कुल 1,10,02,628 डॉलर का विज्ञापन दिया।