नई दिल्ली। भारत में कच्चे तेल का निर्यात करने के लिए दुनिया के दो देश आपस में भिड़ते हुए नजर आ रहे हैं और ये दोनों देश रूस और सऊदी अरब हैं। एक तरफ जहां पिछले पांच महीनों में रूस से कच्चे तेल का निर्यात नीचे गिरा है, तो वहीं, दूसरी तरफ सऊदी अरब से भारत ने बीते पांच महीनों में रूस की तुलना में ज्यादा तेल खरीदा है। अगर हम जुलाई महीने का आंकड़ा देखें तो हिंदुस्तान ने रूस से रोजाना 8 लाख 77 हजार 400 बैरल तेल खरीदा है। इस हिसाब से ये आंकड़ा अन्य महीनों से 7.3 प्रतिशत कम है। फिलहाल रूस, सऊदी अरब को पछाड़ने के मामले में इराक के बाद दूसरे नंबर पर बना हुआ है। बता दें कि वर्तमान समय में सऊदी अरब भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर देश बनकर सामने आया है। इससे पहले सऊदी तेल खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर था, लेकिन जब हिंदुस्तान को रूस से सस्ता तेल मिला तो ऐसे में बैरल की संख्या उधर ज्यादा बढ़ गई। इससे सऊदी अरब थोड़ा नीचे पहुंचते हुए तीसरे नंबर पर आ गया था। हांलाकि, अब ये हालात बदलते हुए नजर आ रहे हैं। बीते जुलाई महीने में सऊदी की ओर से तेल की सप्लाई बढ़ी, तो ऐसे में 8 लाख 24 हजार 70 बैरल तेल प्रतिदिन आयात हुआ।
बता दें कि बीते जुलाई माह में भारत को सऊदी अरब से अच्छी और कम कीमत पर तेल का आयात किया है। ये ही वजह रही कि भारत ने रूस की तुलना में सऊदी से तेल खरीद में बढ़ोत्तरी की। जानकारी के लिए बता दें कि भारत पूरे विश्व में एक ऐसा देश है, जो तेल का तीसरा सबसे बड़ा इम्पोर्टर और कंज्यूमर माना जाता है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक भारत ने जून महीने की तुलना में जुलाई में कम तेल का आयात किया है जुलाई में हिंदुस्तान ने 4.63 मिलियन बैरल प्रतिदिन आयात किया। ये जून माह से 3.2 प्रतिशत कम था। भारत का जुलाई महीने में कम तेल आयात करने के पीछे का कारण रिफाइनरी माना जा रहा है, क्योंकि अगस्त महीने में मेंटेनेंस कार्य कराने का भी प्लान बनाया गया था