वॉशिंगटन। साल 2019 में कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। 2020 और 2021 में कोरोना महामारी से दुनिया में करोड़ों लोगों की जान गई। हर बार ये कहा जाता रहा कि चीन के वुहान शहर की लैब से ही कोरोना का वायरस बाहर आया। अब अमेरिका में संसद को दी गई खुफिया रिपोर्ट को जारी कर ये बताया गया है कि चीन के वुहान शहर से ही कोरोना की उत्पत्ति हुई या नहीं। अमेरिका का कहना है कि उसकी खुफिया एजेंसियों में कोरोना महामारी की उत्पत्ति को लेकर एक जैसी राय नहीं है। कुल मिलाकर उन आशंकाओं को अमेरिका ने गलत बताया है कि चीन की वुहान लैब से कोरोना फैला।
चीन हमेशा दावा करता रहा है कि उसकी किसी लैब से वायरस बाहर नहीं आया। इस बारे में जो भी स्वतंत्र जांच कराने की कोशिश हुई, उसमें भी चीन ने लगातार अड़ंगा लगाया। दरअसल, चीन के एक मांस और मछली बाजार से कोरोना वायरस फैलने की शुरुआत हुई थी। वुहान शहर में इस बाजार के अलावा एक लैब भी है। इस लैब में वायरस संबंधी परीक्षण और शोध किए जाते हैं। ऐसे में सबका शक इस पर गया कि वुहान की लैब से ही कोरोना का वायरस किसी तरह बाहर आ गया और फिर तेजी से फैलने लगा।
चीन की तरफ इसलिए भी शक की अंगुली उठती है, क्योंकि कोरोना का पहला मरीज मिलने के बाद भी काफी दिन तक चीन ने दुनिया को इस बारे में जानकारी नहीं दी थी। चीन का इस मसले पर कहना है कि उसे लगा कि ये सामान्य निमोनिया का मामला है। बहरहाल, अब अमेरिका का कहना है कि न तो वो पुष्टि कर रहा है और न ही खंडन की कोरोना के प्रसार में चीन की वुहान लैब से ही कोरोना महामारी फैली थी। ये एक तरह से चीन को क्लीनचिट देने जैसा भी है। खास बात ये भी है कि अमेरिका के विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकेन ने हाल ही में चीन का दौरा किया था। इसके बाद उन्होंने बीजिंग में बयान दिया था कि ताइवान की आजादी का अमेरिका पक्षधर नहीं है।