इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए कल यानी रविवार का दिन काफी अहम है। रमजान के पहले दिन ही उनकी कुर्सी जाएगी या नहीं, ये वहां की संसद में वोटिंग के जरिए तय होगा। खास बात ये कि पाकिस्तान के पीएम पद पर रहे लोगों के लिए अप्रैल का महीना काफी खास भी रहा है। अगर इमरान खान सत्ता गंवाते हैं, तो पाकिस्तान में ऐसा चौथी बार होगा, जब किसी पीएम पद को अप्रैल में कुर्सी गंवानी पड़ी। उनसे पहले पाकिस्तान में अप्रैल के महीने में ही ख्वाजा निजामुद्दीन, नवाज शरीफ और यूसुफ रजा गिलानी की सत्ता भी अप्रैल में ही गई थी।
पहले बात ख्वाजा निजामुद्दीन की। वो पाकिस्तान के दूसरे पीएम थे। डेढ़ साल में ही उन्हें उस वक्त के गवर्नल जनरल रहे मलिक गुलाम मोहम्मद ने बर्खास्त कर दिया था। निजामुद्दीन की बर्खास्तगी 1953 के अप्रैल महीने में 17 तारीख को हुई थी। गवर्नर जनरल ने निजामुद्दीन को इसलिए बर्खास्त किया था, क्योंकि लाहौर में भीषण दंगे हुए थे और पाकिस्तान की आर्थिक हालत भी खराब हो गई थी। इसी तरह नवाज शरीफ भी अप्रैल में ही पीएम पद से हटे थे। उनकी राष्ट्रपति रहे गुलाम इशहाक खान से तकरार हो गई थी। इसके बाद 18 अप्रैल 1993 को शरीफ ने पीएम पद से इस्तीफा दिया था।
पाकिस्तान में अप्रैल के महीने में पीएम पद छोड़ने वाले यूसुफ रजा गिलानी थे। उनकी कुर्सी 25 अप्रैल 2012 को गई थी। गिलानी पर आरोप लगा था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्होंने तब राष्ट्रपति रहे आसिफ अली जरदारी के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के केस को खोलने के लिए स्विटजरलैंड के अफसरों को चिट्ठी नहीं भेजी। अब इमरान खान पर विपक्ष ने भ्रष्टाचार और देश की बदहाली का आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। विपक्ष के पास 170 से ज्यादा सांसद हैं। ऐसे में इमरान खान की कुर्सी अल्पमत के कारण खतरे में है।