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Ukraine Crisis: भारत रोज यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों को ला रहा देश, चीन-अमेरिका समेत तमाम ताकतवर देश इस मामले में पिछड़े

यूक्रेन पर रूसी हमले का मुख्य खिलाड़ी और दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका का हाल भी अपने नागरिकों के प्रति खराब है। अमेरिका ने यूक्रेन और रूस से सारे नागरिकों को लौट आने को कहा, लेकिन उनके लिए कोई फ्लाइट की व्यवस्था तक नहीं की। यही हालत फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, पाकिस्तान और अन्य देशों का है।

बीजिंग। भारत अपने ऑपरेशन गंगा के जरिए युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने हजारों नागरिकों को देश ला रहा है। वहीं, एशिया में सूरमा बनने की कोशिश कर रहा चीन इस काम में अभी काफी पिछड़ा हुआ है। चीन के भी हजारों नागरिक यूक्रेन में फंसे हैं। चीन ने पहले तो इन लोगों को खुद ही वापस आने के लिए कहा। बाद में जब नागरिकों ने चिल्ल पो शुरू की, तो चीन की सरकार ने पहली चार्टर फ्लाइट भेजी। ये फ्लाइट यूक्रेन से करीब 200 लोगों को लेकर आज सुबह चीन के हैंगझोऊ पहुंची है। इस तरह देखा जाए तो भारत के बाद अब चीन ने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन से लाने का काम शुरू किया है। बाकी देशों की बात करें, तो उन्होंने अपने नागरिकों को भाग्य भरोसे छोड़ दिया है।

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यूक्रेन पर रूसी हमले का मुख्य खिलाड़ी और दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका का हाल भी अपने नागरिकों के प्रति खराब है। अमेरिका ने यूक्रेन और रूस से सारे नागरिकों को लौट आने को कहा, लेकिन उनके लिए कोई फ्लाइट की व्यवस्था तक नहीं की। यही हालत फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, पाकिस्तान और अन्य देशों का है। नेपाल सरकार ने भारत से अपने नागरिकों को भी लाने की अपील की है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले ही एलान किया है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के अलावा विकासशील देशों के नागरिकों को भी यूक्रेन से निकालने में मदद करेगा।

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इससे पहले खबर आई थी कि भारत के पुराने दुश्मन पाकिस्तान और उसे उकसाने वाले तुर्की के नागरिक भारत का झंडा लेकर और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए यूक्रेन से रोमानिया, हंगरी और पोलैंड तक पहुंचने में सफल हुए, लेकिन इन दोनों देशों ने भी अपने नागरिकों और छात्रों को घर वापस लाने के लिए मुफ्त उड़ानों की सुविधा नहीं दी। इसके बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान सरकार का विपक्ष ने घोर विरोध भी किया और मोदी-मोदी के नारे वहां भी गूंजते सुनाई दिए थे।