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Politics Over Film: ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर मुस्लिमों की चिंता से न्यूजीलैंड में हो रही सेंसर समीक्षा, पूर्व डिप्टी पीएम भड़के

समीक्षा की पूर्व डिप्टी पीएम और न्यूजीलैंड फर्स्ट पार्टी के नेता विंस्टन पीटर्स ने आलोचना की है। पीटर्स ने बयान जारी कर इसे न्यूजीलैंड के लोगों की आजादी पर एक और हमला करार दिया है। विंस्टन के मुताबिक ‘द कश्मीर फाइल्स’ को सेंसर करना न्यूजीलैंड में 15 मार्च को हुए अत्याचारों की जानकारी या तस्वीरों को सेंसर करने जैसा है।

ऑकलैंड। फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को सेंसर सर्टिफिकेट दिए जाने के बाद न्यूजीलैंड में कई मुस्लिम संगठनों ने वहां के सेंसर बोर्ड को चिट्ठी लिखकर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। इस पर न्यूजीलैंड के सेंसर प्रमुख डेविड शैंक्स फिल्म को मिले सर्टिफिकेट की फिर से समीक्षा कर रहे हैं। इसी मुद्दे ने वहां की सियासत में भूचाल ला दिया है। न्यूजीलैंड के पूर्व डिप्टी पीएम ने इसकी आलोचना की है। मीडिया के मुताबिक ‘द कश्मीर फाइल्स’ 24 मार्च को न्यूजीलैंड में रिलीज होने जा रही थी। इससे पहले मुस्लिम संगठनों की ओर से फिल्म पर बैन की मांग को देखते हुए शैंक्स ने इसके सर्टिफिकेट की समीक्षा करने का फैसला किया। न्यूजीलैंड में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को आर-16 सर्टिफिकेट मिला है। यानी 16 साल से कम उम्र के बच्चे इस फिल्म को बड़ों के साथ ही देख सकते हैं।

kashmir files

इसी समीक्षा की पूर्व डिप्टी पीएम और न्यूजीलैंड फर्स्ट पार्टी के नेता विंस्टन पीटर्स ने आलोचना की है। पीटर्स ने बयान जारी कर इसे न्यूजीलैंड के लोगों की आजादी पर एक और हमला करार दिया है। विंस्टन के मुताबिक ‘द कश्मीर फाइल्स’ को सेंसर करना न्यूजीलैंड में 15 मार्च को हुए अत्याचारों की जानकारी या तस्वीरों को सेंसर करने जैसा है। बता दें कि 15 मार्च 2019 को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में एक मस्जिद पर हमला हुआ था। वहां बंदूकधारी ने फायरिंग की थी। जिससे 51 लोगों की मौत हुई थी और 40 लोग घायल हुए थे। न्यूजीलैंड की सरकार ने इस घटना को आतंकवाद बताया था।

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वहीं, सेंसर बोर्ड चीफ शैंक्स ने मीडिया से कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ को मिले सर्टिफिकेट की समीक्षा का मतलब ये नहीं है कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम संगठनों ने उनसे संपर्क कर चिंता जताई है। इन संगठनों का कहना है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ के प्रदर्शन से मुसलमानों के खिलाफ घृणा बढ़ सकती है। शैंक्स के मुताबिक ये चिंताएं गंभीर हैं और इसी वजह से समीक्षा का फैसला उन्होंने किया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की इन चिंताओं पर विचार किए बिना फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया।