नई दिल्ली। एक तरफ पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की जुगत में लगाया हुआ था वहीं दूसरी तरफ आज वहां के पीएम इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया है। इमरान खान ने गिलगित में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान सरकार के फैसले की घोषणा की। इमरान ने कहा कि किसी भी देश की संप्रभुता और एकजुटता को बनाए रखने के लिए आर्मी का मजबूत होना बेहद जरूरी है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने विपक्षी मोर्चे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के हमले के बाद अपनी सरकार के बचाव में यह घोषणा की है।
रविवार को वह 73वें स्वतंत्रता दिवस के समारोह में पहुंचे थे जहां उन्होंने यह ऐलान किया है। इससे पहले इमरान ऐलान कर चुके हैं कि गिलगित-बाल्टिस्तान को संवैधानिक अधिकार दिए जाएंगे और नवंबर में चुनाव भी कराए जाएंगे। गौरतलब है कि भारत इस कदम का विरोध करता आया है और पाकिस्तान के अंदर ही इसे चुनौती मिल चुकी है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने नवंबर महीने में होने वाले चुनाव को लेकर कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में चुनाव कराकर पाकिस्तान भारत के हिस्से पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता है। चुनाव करवाने का फैसला वहां के लोगों के लिए सीधे-सीधे मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का गंभीर मामला है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि हमें रिपोर्ट मिली है कि गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में 15 नवंबर 2020 को विधानसभा चुनाव करवाए जा रहे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की है। हमने पाकिस्तान सरकार के सामने अपनी बात दोहराते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़ा पूरा इलाका भारत का है। इसी के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत भी भारत के हिस्से में आता है। इसलिए पाकिस्तान को भारत के इस क्षेत्र पर अवैध और बलपूर्वक कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ‘भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के सभी एक्शन को सिरे से खारिज किया है। जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान अमेंडमेंट ऑर्डर 2020 लाया गया है और भारत के इलाके में बलपूर्वक कब्जा करने और वहां का स्टेटस चेंज करने की कोशिश की है। पाकिस्तान द्वारा की जा रही इन हरकतों से वो भारतीय क्षेत्रों पर कब्जे के कुकृत्य को नहीं छुपा सकते और ना ही वहां रह रहे लोगों के मानवाधिकार का उल्लंघन कर सकते हैं। हमलोग पाकिस्तान से मांग करते हैं कि वो जल्द से जल्द भारत के हिस्से वाला इलाके को छोड़े, जिसपर उन्होंने अवैध कब्जा कर रखा है।
वहीं आज इमरान खान ने यहां कहा, मेरे गिलगित-बाल्टिस्तान आने का एक कारण यह ऐलान करना है कि हमने इसे प्रविजनल प्रांत का दर्जा देने का फैसला किया है। हमने यह फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के रेजॉलूशन को ध्यान में रखते हुए किया है। इमरान खान ने कहा कि वह गिलगित-बाल्टिस्तान को दिए जाने वाले पैकेज के बारे में चर्चा या ऐलान नहीं कर सकते हैं, क्योंकि चुनाव के चलते लागू हुए नियमों का उल्लंघन होगा।