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Pakistan: भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रिश्तों पर इमरान खान ने भरी आह, मन मसोसकर ये बोले पाक के पीएम

Pakistan: बाइडेन के फोन न करने के सवाल पर इमरान खान का चेहरा और उतर गया। सदमे से भरा चेहरा लिए वह मीडिया से बोले कि किसे फोन करना है या किससे बात करनी है, ये अमेरिकी राष्ट्रपति का अपना अधिकार है। इमरान इसलिए भी दुखी हैं, क्योंकि उन्होंने और पाकिस्तानी सेना ने जो सोचा था, वह हकीकत में हुआ नहीं है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सिलेक्टिव पीएम कहे जाने वाले इमरान खान के दिल से आजकल सिर्फ आह निकल रही है। उनके दिल से ये आह निकली है अमेरिका की वजह से। पाकिस्तान के पुराने दोस्त रहे अमेरिका ने उससे पल्ला झाड़कर भारत से दोस्ती कर ली है। इमरान की आह की वजह यही है। लिहाजा, मन मसोसकर इमरान खान कह रहे हैं कि भाई, हम क्या कर सकते हैं। इस्लामाबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए इमरान खान की इस मुद्दे पर कई बार आह निकली। उतरा हुआ चेहरा लिए इमरान मीडिया के सामने आए थे। एक सवाल पर उन्होंने दुख जताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के मसले पर उन्हें फोन न करके भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया। इमरान खान ने कभी पाकिस्तान के दोस्त रहे अमेरिका की इस बेरुखी की वजह भी मीडिया को बताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब पाकिस्तान की जगह भारत को रणनीतिक दोस्त मान रहा है। साथ ही वह चीन को भी दबाना चाहता है। इमरान ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की पुरानी दोस्ती है और अमेरिका इसी वजह से अब हमें तरजीह नहीं देना चाहता।

बाइडेन के फोन न करने के सवाल पर इमरान खान का चेहरा और उतर गया। सदमे से भरा चेहरा लिए वह मीडिया से बोले कि किसे फोन करना है या किससे बात करनी है, ये अमेरिकी राष्ट्रपति का अपना अधिकार है। इमरान इसलिए भी दुखी हैं, क्योंकि उन्होंने और पाकिस्तानी सेना ने जो सोचा था, वह हकीकत में हुआ नहीं है।

Imran Khan

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को हटाने का एलान किया था, तो इमरान और पाक फौज की बांछें खिल गई थीं। इधर अमेरिकी सेना हटी और उधर पाकिस्तान ने तालिबान के भेस में आतंकियों की फौज अफगानिस्तान भेज दी, लेकिन पाकिस्तान सरकार को शायद ये नहीं पता था कि फौज हटाने के बावजूद अमेरिका अपने विमानों से तालिबान पर लगातार हमले करेगा। अमेरिकी हमलों में हजारों तालिबान अब तक ढेर हो चुके हैं। इमरान और पाक फौज शायद सोच रही थी कि अमेरिका गया, तो चुटकी बजाते अफगानिस्तान में हम आतंक का राज तैयार कर देंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नतीजे में इमरान खान का चेहरा भी उतरा है और वह लगातार आहें भरने के लिए मजबूर हैं।