कीव। यूक्रेन पर हमले के 24वें दिन शनिवार को रूस ने पहली बार अपनी सबसे खतरनाक हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल से पश्चिम के इवानो फ्रैंक्विस्क इलाके के एक सैन्य डिपो को तहस-नहस कर दिया। किंजल का रूसी भाषा में अर्थ कटार होता है। किंजल से हमले में यूक्रेन के सैन्य डिपो को बड़ा नुकसान हुआ है। इस हमले से यहां रखी मिसाइलें और गोला-बारूद नष्ट हो गया। यूक्रेन के बाकी शहरों पर भी रूस के हमले तेज हो गए हैं और मारियुपोल पर कब्जा करीब-करीब तय है। उधर, यूक्रेन ने एक और रूसी लेफ्टिनेंट जनरल आंद्रेई मोर्दविचेव को मार डालने का दावा किया है। आंद्रेई 8वीं गार्ड की कमान संभाल रहे थे। इससे पहले यूक्रेन ने दो और रूसी जनरलों को मार गिराने का दावा किया था।
किंजल मिसाइल से हमले के बारे में रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने बताया कि इस हमले से यूक्रेन को तगड़ी चोट लगी है। उन्होंने दावा किया कि रूस की सेना ने बेस्टियन कोस्टल मिसाइल सिस्टम का प्रयोग भी किया और इससे यूक्रेन के बंदरगाह शहर ओडेसा में यूक्रेनी सेना के रेडिया और टोही केंद्रों को भी नष्ट कर दिया गया। यूक्रेन की वायुसेना ने भी डेल्याटिन में रूसी किंजल मिसाइल से हमले की पुष्टि की है।
बता दें कि किंजल मिसाइल का पहला सफल परीक्षण रूस ने साल 2018 में किया था। ये मिसाइल आवाज से 10 गुना तेज रफ्तार से उड़ान भरती है। ये मिसाइल पारंपरिक के अलावा परमाणु शस्त्र भी ले जा सकती है। रूस ने अपने मिग-31 विमानों में इस मिसाइल को फिट किया हुआ है। विमानों के जरिए दूर तक ले जाने के बाद उसे गिराया जाता है। जिसके बाद मिसाइल फायर होती है और 500 किलोग्राम के वारहेड के साथ 2000 किलोमीटर तक का सफर करती है। ये मिसाइल इतनी तेज उड़ती है कि इसे किसी अन्य मिसाइल से मार भी नहीं गिराया जा सकता।