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Huge Conspiracy: तुर्की के साथ मिलकर पाकिस्तान ने रची ये बड़ी साजिश, भारत के साथ अमेरिका भी निशाना!

नॉर्डिक मॉनिटर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि साल 2018 में तुर्की के गृहमंत्री सुलेमान सोयलू से पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान ने इस योजना पर बात की थी। इस तरह की साइबर आर्मी बनाने का प्रस्ताव उसी साल दिसंबर में दिया गया। ये पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के कर्मचारियों तक को पता नहीं लगने दिया गया।

वॉशिंगटन। भारत के खिलाफ पाकिस्तान तो हमेशा आतंकी साजिश रचता ही रहता है। अब तुर्की भी इस साजिश में शामिल हो गया है। तुर्की सिर्फ भारत के खिलाफ ही साजिश नहीं रच रहा, वो अमेरिका के खिलाफ भी पाकिस्तानी साजिश में शामिल है। जबकि, तुर्की उस नाटो का सदस्य देश है, जिसका मुखिया अमेरिका है। अमेरिका से तुर्की को सैन्य साज-ओ-सामान भी मिलता है। पाकिस्तान और तुर्की की भारत और अमेरिका के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश ‘नॉर्डिक मॉनिटर’ ने अपनी रिपोर्ट में किया है। दोनों देशों की रची गई इस साजिश के बारे में जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे।

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नॉर्डिक मॉनिटर की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि तुर्की ने पाकिस्तान को साइबर आर्मी बनाने के लिए मदद दी। ये साइबर आर्मी भारत और अमेरिका के खिलाफ इस्तेमाल की गई। इसके अलावा पाकिस्तान ने घरेलू राजनीतिक विपक्षी नेताओं के खिलाफ भी इस साइबर आर्मी का इस्तेमाल किया। एक समझौते के तहत तुर्की ने गुप्त तौर पर ये साइबर आर्मी तैयार करने में पाकिस्तान की मदद की। नॉर्डिक मॉनिटर के मुताबिक साउथ और ईस्ट एशिया में मुस्लिमों को प्रभावित करने, पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आलोचना को कम करने और भारत, अमेरिका के सरकारी प्रतिष्ठानों में घुसपैठ के लिए पाकिस्तान ने इस साइबर आर्मी का इस्तेमाल किया।

imran khan and recip tayyep erdogan

नॉर्डिक मॉनिटर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि साल 2018 में तुर्की के गृहमंत्री सुलेमान सोयलू से पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान ने इस योजना पर बात की थी। इस तरह की साइबर आर्मी बनाने का प्रस्ताव उसी साल दिसंबर में दिया गया। ये काम इतना गोपनीय था कि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के कर्मचारियों तक को पता नहीं लगने दिया गया। बीती 13 अक्टूबर को तुर्की के गृहमंत्री ने एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में इसका खुलासा किया। उन्होंने हालांकि पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। सोयलू ने बताया कि ऐसे देश से समझौता हुआ है, जहां से तुर्की की फ्लाइट पांच-छह घंटे में पहुंच जाती है।